व्यापार : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को एक स्थानीय बैंक के प्रमोटरों की ओर से 15,000 से अधिक जमाकर्ताओं के साथ 100 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत बंगलूरू और उसके आसपास कई जगहों पर छापे मारे।
कहां-कहां छापेमारी?
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, जांच सुश्रुति सौहार्द बैंक, श्रुति सौहार्द बैंक, श्री लक्ष्मी सौहार्द बैंक और उनके प्रमोटरों से संबंधित है। इसमें एन. श्रीनिवास मूर्ति और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं। एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शहर और उसके आसपास कम से कम 15 जगहों पर छापेमारी की।
क्या है आरोप?
प्रमोटरों पर लगे आरोप 15,000 से ज्यादा जमाकर्ताओं को ज्यादा ब्याज पर जमा करने का लालच देकर उनसे 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी करने से जुड़े हैं।
कैसे अपराध को दिया अंजाम?
सूत्रों के मुताबिक, पैसों को सहयोगियों को दिए गए असुरक्षित ऋणों के जरिए हस्तांतरित किया गया। ज्यादातर ऋण गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) बन गए। इस धन का शोधन करके संपत्तियां खरीदने में इस्तेमाल किया गया।
20 से ज्यादा संपत्तियों का पता लगाया
उन्होंने बताया कि संघीय जांच एजेंसी ने प्रमोटरों से जुड़ी 20 से ज्यादा संपत्तियों का पता लगाया है। भविष्य में इन्हें धन शोधन विरोधी कानून के तहत जब्त किया जा सकता है।