व्यापार : लाखों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स 8वें वेतन आयोग का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं, जिससे वेतन और पेंशन में 30-34 फीसदी की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. हालांकि, आयोग की नियुक्तियों और बजटीय आवंटन में देरी के कारण, वित्त वर्ष 27 से पहले इसके लागू होने की संभावना कम है. सरकार इस आयोग को कब लागू करने की योजना बना रही है और इसके क्या लाभ होने की उम्मीद है. आइए इसे विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं.
लगभग 1.12 करोड़ केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनर्स 8वें वेतन आयोग के लागू होने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं. मौजूदा समय में 7वें वेतन आयोग काम कर रहा है, जो दिसंबर 2025 में खत्म हो रहा है. 8वां वेतन आयोग उसके तुरंत बाद लागू हो जाना चाहिए. चूंकि 8वें वेतन आयोग से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की बेसिक सैलरी, अलाउंस, पेंशन और रिटायरमेंट बेनिफिट्स में वृद्धि की उम्मीद है, इसलिए कई लोग सोच रहे हैं कि क्या यह अगले साल, यानी जनवरी 2026 से ही लागू हो जाएगा, या इसमें देरी होगी.
कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
एंबिट कैपिटल की एक हालिया रिपोर्ट, जिसका शीर्षक “8वां वेतन: क्या यह पैसे के लायक होगा? है के अनुसार 8वां वेतन आयोग सरकारी वेतन और पेंशन में 30-34% तक की वृद्धि कर सकता है. लेकिन, ऐसा लगता है कि हम इसे वित्त वर्ष 27, यानी 2027 से पहले लागू होते नहीं देख पाएंगे. इसका मतलब है कि अप्रैल 2026 से मार्च 2027 के बीच लागू होने की संभावना है. इस देरी का कारण यह है कि केंद्र सरकार ने इस साल जनवरी में ही 8वें वेतन आयोग की घोषणा कर दी थी, लेकिन जुलाई 2025 तक इसके अध्यक्ष, सदस्य या कार्य-अवधि के बारे में कोई डिटेल नहीं दिया है. आयोग के गठन से लेकर इसे लागू करने तक की पूरी प्रक्रिया में बहुत समय लगता है.उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में हुआ था, लेकिन यह जनवरी 2016 से लागू हुआ. आयोग के सदस्यों के पास अपनी सिफारिशें और रिपोर्ट जमा करने के लिए 18 महीने का समय था, जिसकी केंद्र सरकार अंतिम मंजूरी देने से पहले समीक्षा करती है.
भारत के सुप्रीम कोर्ट के वकील संदीप बजाज ईटी से बात करते हुए कहा कि हालांकि 8वें वेतन आयोग की औपचारिक घोषणा जनवरी 2025 में की गई थी, लेकिन इसका कार्यान्वयन धीमी गति से होता दिख रहा है. आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति और इसके कार्यक्षेत्र को अंतिम रूप देने जैसे महत्वपूर्ण पड़ाव अभी भी लंबित हैं.बजाज आगे कहते हैं कि ऐतिहासिक रूप से, वेतन आयोग, जिनका कार्यकाल 10 वर्ष का होता है, आमतौर पर अपने गठन से लेकर वास्तविक कार्यान्वयन तक लगभग 2 वर्ष का समय लेते हैं. इस तर्क से, 8वें वेतन आयोग के जनवरी 2026 से प्रभावी होने की संभावना बहुत कम दिखती है, और इस बात की प्रबल संभावना है कि यह अब 2027 तक भी जारी रह सकता है.
बजाज के अनुसार, इसका एक कारण यह है कि केंद्रीय बजट 2025-26 में 8वें वेतन आयोग के लिए कोई बजटीय आवंटन घोषित नहीं किया गया था. एम्बिट कैपिटल के आंकड़ों से पता चलता है कि वेतन और पेंशन में अनुमानित 30-34% वृद्धि के लिए सरकार को अतिरिक्त 1.8 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी.बजाज ने आगे कहा कि आठवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के संबंध में प्रशासनिक गति का अभाव है. हालांकि किसी भी अंतिम संशोधन को पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू किए जाने की उम्मीद है, लेकिन इस स्थगन से केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में, खासकर लगातार महंगाई के दबाव को देखते हुए, निराशा बढ़ सकती है.
क्या बकाया राशि में होगा इजाफा
वेतन आयोग सैलरी स्ट्रक्चर, महंगाई भत्ते (डीए) जैसे भत्तों और अन्य लाभों की समीक्षा करता है और उनमें वृद्धि का प्रस्ताव रखता है ताकि कर्मचारियों के मुआवजे को महंगाई के दबावों और प्राइवेट सेक्टर के अनुरूप बनाए रखा जा सके.इसके लिए, हर साल दो बार, जनवरी और जुलाई में, महंगाई भत्ते में संशोधन किया जाता है. इसलिए, महंगाई भत्ते में वृद्धि संबंधित वर्ष की 1 जनवरी और 1 जुलाई से प्रभावी होती है.
हालांकि, कर्मचारियों और पेंशनर्स को उनका समायोजित मुआवज़ा तुरंत नहीं मिलता है. जनवरी में घोषित महंगाई भत्ते में वृद्धि के लिए, कर्मचारियों को आमतौर पर उस महीने तक संचयी बकाया मिलता है जब तक कि इसे वास्तव में लागू नहीं किया जाता है, जो आमतौर पर मार्च या अप्रैल हो सकता है. इस साल की शुरुआत में भी, सरकार ने 1 जनवरी, 2025 से महंगाई भत्ते को मूल वेतन के 53 फीसदी से बढ़ाकर 55 फीसदी कर दिया था, लेकिन इसका भुगतान देरी से किया गया था.
इसी तरह, जुलाई में घोषित महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी के लिए, कर्मचारियों और पेंशनर्स को आमतौर पर जुलाई, अगस्त और सितंबर के बकाया या देय राशि अक्टूबर के वेतन के साथ मिलती है, जो भारत के त्योहारों के मौसम के साथ मेल खाता है, जब लोग दशहरा और दिवाली मनाते हैं.यदि आठवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन को और आगे बढ़ाया जाता है, तो इससे सरकार को बकाया भुगतान में और वृद्धि हो सकती है. साथ ही, ध्यान रखें कि आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें दिसंबर 2025 तक लागू होनी हैं, और हालांकि ये जनवरी 2026 से प्रभावी होंगी, लेकिन इन्हें सरकार द्वारा अनुमोदित किए जाने के बाद ही लागू किया जाएगा.
एंबिट कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, 50,000 रुपये के वर्तमान मूल वेतन और 2025 के अंत तक अनुमानित महंगाई भत्ते (डीए) के 60 फीसदी तक पहुंचने के साथ (जुलाई में एक और संभावित वृद्धि के साथ वर्तमान 55 फीसदी से ऊपर), वेतन में कम से कम 14% की वृद्धि होने की उम्मीद है, और 8वें वेतन आयोग के तहत सबसे बेहतर स्थिति में 54 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है.