नई दिल्ली : लॉर्ड्स टेस्ट मैच के तीसरे दिन के पहले सेशन में ही राहुल और पंत ने इंग्लैंड को विकेट के लिए तरसा दिया था. ऐसे में इंग्लैंड के कप्तान स्टोक्स ने विकेट हासिल करने के लिए एक ऐसा तरीका अपनाया, जो गावस्कर को बिल्कुल रास नहीं आया और उन्होंने इसे क्रिकेट के खिलाफ बता दिया.
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने शायद ही सोचा होगा कि विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों के बिना भी भारतीय बल्लेबाज उनकी टीम को इतना परेशान कर देंगे. वो भी उसके घर में ही. मगर लीड्स और बर्मिंघम के बाद लॉर्ड्स टेस्ट में भी लगातार यही देखने को मिला. लॉर्ड्स टेस्ट में भी भारतीय बल्लेबाजों ने इंग्लैंड को विकेट के लिए तरसा दिया, जिसके बाद बेन स्टोक्स ने एक खास रणनीति अपनाई. मगर महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर को ये रणनीति पसंद नहीं आई और उन्होंने इसे क्रिकेट के खिलाफ बताते हुए बदलाव की मांग की है.
लॉर्ड्स में टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच के तीसरे दिन टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी पूरी की. भारतीय टीम दिन के आखिरी सेशन में 387 रन पर ऑल आउट हुई. मगर इससे पहले केएल राहुल, ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा ने इंग्लैंड को एक-एक विकेट के लिए तरसा दिया. खास तौर पर राहुल और पंत की साझेदारी टीम इंडिया को तीसरे दिन बेहतरीन शुरुआत दिलाई. इसका असर ये हुआ कि इंग्लैंड के कप्तान स्टोक्स ने विकेट के लिए ऐसा तरीका अपनाया, जो शायद ही कभी दिखा हो.
विकेट के लिए इंग्लैंड ने अपनाया ये तरीका
असल में इंग्लैंड के कप्तान ने ऋषभ पंत का विकेट हासिल करने के लिए लेग साइड में ज्यादा से ज्यादा फील्डर तैनात कर दिए. हालत ये थी कि डीप फाइन लेग से लेकर लॉन्ग ऑन तक करीब 7-8 फील्डर अलग-अलग पोजिशन पर तैनात थे. इसके बाद खुद स्टोक्स और उनके बाकी तेज गेंदबाजों ने शॉर्ट पिच बॉलिंग से पंत को अटैक करना शुरू किया. कई बाउंसर की कोशिश की गई, ताकि पंत पुल शॉट खेलें और अपना विकेट गंवाए. इंग्लैंड की ये रणनीति तो सफल नहीं हुई लेकिन इसकी आलोचना जरूर हुई.
गावस्कर ने जमकर सुनाई खरी-खरी
खास तौर पर उस वक्त इंग्लिश कॉमेंट्री कर रहे पूर्व भारतीय कप्तान गावस्कर तो इससे बेहद नाखुश नजर आए. उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसे क्रिकेट नहीं कहा जा सकता. दिग्गज कमेंटेटर ने साफ कहा कि ये क्रिकेट के खिलाफ है और एक वक्त पर लेग साइड में 6 से ज्यादा फील्डर नहीं होने चाहिए. उन्होंने अपने दौर का उदाहरण दिया, जब एक ओवर में कितनी भी बाउंसर डाली जा सकती थी, जिसका फायदा वेस्टइंडीज के उठाकर वेस्टइंडीज के गेंदबाजों ने कई बल्लेबाजों को चोटिल किया था.
गांगुली से की बदलाव की मांग
गावस्कर ने कहा कि उस वक्त बाउंसर पर लगाम लगाकर एक ओवर में इसे सिर्फ 2 तक सीमित कर दिया था. उन्होंने कहा कि इसी तरह ICC को भी प्लेइंग कंडीशंस में बदलाव करना चाहिए और 6 से ज्यादा फील्डर की इजाजत नहीं देनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को भी इसकी ओर ध्यान देने की अपील की. गांगुली ICC क्रिकेट कमेटी के चेयरमैन हैं. ये कमेटी ही इंटरनेशनल क्रिकेट में प्लेइंग कंडीशंस से लेकर नियमों में बदलाव या संशोधन के सुझाव देती है.