शनि की साढ़े साती और ढैय्या से तुरंत मिलेगी मुक्ति, बस घर में लगा दें यह पौधा, शनिदेव और भगवान शिव की होगी कृपा

पूर्णिया. आपका काम भी बनते-बनते बिगड़ जाता है या करते कुछ हैं और होता कुछ और है. शारीरिक मानसिक सहित अन्य कई समस्याओं से ग्रस्त रहते हैं तो हो सकता है आप पर शनि का प्रभाव हो या ढैय्या या साढ़ेसाती का भी हो सकता है. ऐसे में आप सावन के इस पावन मास में इस पौधे को लगाकर शंकर भगवान और शनिदेव की कृपा पा सकते हैं.

सावन के इस पवित्र महीने में यह एक पौधा लगाने से शनि का प्रभाव दूर होता है और साढ़ेसाती से मुक्ति भी मिलती है. वहीं, हिंदू कैलेंडर का पांचवा महीना सावन चल रहा है जो भोलेनाथ को समर्पित है, सावन मास को बेहद ही पवित्र और पूजनीय माना जाता है. 12 महीना में सावन सबसे पवित्र महीना माना जाता है. वहीं यह महीना महादेव की विशेष कृपा पाने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. यह सावन मास से भक्तों के लिए बेहद खास होता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के पावन महीने में शमी का पौधा लगाने से लोगों को लाभ मिलता है. कि यह शमी का पौधा शनिदेव और भगवान शिव शंकर दोनों को ही बहुत प्रिय है. इसलिए शमी के पत्ते और फूल महादेव को अर्पित किये जाते हैं. हर शनिवार के दिन लोग शनिदेव की विशेष कृपा पाने के लिए शमी पौधा का पूजन भी करते हैं. जबकि शास्त्रों मुताबिक सावन मास में शमी का पौधा लगाने से कई लाभ मिल सकते हैं.

शमी पौधा लगाते समय रखें ध्यान
उन्होंने कहा कि शास्त्र के अनुसार शमी के पौधे को कभी भी घर के अंदर नहीं लगाना चाहिए. इस पौधे को लगाने की सबसे उत्तम जगह छत या बालकनी होती है. इस पौधे को लगाने के लिए दक्षिण दिशा शुभ माना जाती है. इस दिशा में शमी का पौधा लगाने से लोगों को सुख शांति सुख समृद्धि की हमेशा प्राप्ति होती है.

दीपक जलाने से ढैय्या से मिलेगी मुक्ति
शास्त्रों के अनुसार शमी के पौधे की रोज पूजा करने व तिल तेल का दीपक जलाने से लोगों के ऊपर लगे शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती का प्रभाव धीरे-धीरे कम होता है. साथ ही साथ उस व्यक्ति पर महादेव और शनिदेव दोनों की कृपा हमेशा बनी रहती है. यह शमी का पौधा शास्त्रों के अनुसार सावन के पावन महीने में किसी भी सोमवार के दिन आप इसे लगा सकते है. जिससे आपका दिन दोगुना रात चौगुना होता रहेगा.