एटा: उत्तर प्रदेश के एटा जिले के निधौली कलां थाना क्षेत्र के चंद्रभानपुर गांव से लड़की भगाने के मामले में थाने में पूछताछ के बाद घर लौटे किशोर के मौत के बाद शनिवार को बवाल हो गया। परिजनों ने शव को लेकर एसएसपी दफ्तर पर हंगामा किया। पुलिस की प्रताड़ना से जान देने का आरोप लगाया। अफसरों ने सामने किशोर के शरीर पर मारपीट और चोट के निशान दिखाए। हंगामा कर हुए दोषी पुलिस वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। एएसपी राजकुमार सिंह ने मौके पर जाकर परिजनों से बात की। जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिया। एसएसपी ने दो दारोगा को लाइन हाजिर कर दिया। तब शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। हालांकि, सीओ एटा का कहना है कि युवक ने अपने घर पर फांसी लगाकर जान दी है।
31 जुलाई को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था
एटा पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, सत्यवीर (17) पुत्र मोहर सिंह जयपुर में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। सत्यवीर के भाई ओंकार सिंह का कहना है कि होली पर्व पर गांव निवासी बृजेश की लड़की लापता हो गई थी। बृजेश ने सत्यवीर समेत गांव के ही चार-पांच लोगों पर भगाने का आरोप लगाया था। भाई ओंकार के मुताबिक, दो दिन पहले 31 जुलाई को सत्यवीर ने जयपुर से पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था। एक अगस्त को सुबह 8 बजे सत्यवीर अपने बड़े भाई योगेंद्र और मामा के साथ थाने पहुंचा था।
आरोप पुलिस ने गांव से 500 मीटर दूर फेंका
ओमकार का आरोप है कि पूछताछ के नाम पर पुलिस ने सत्यवीर के साथ मारपीट की। उसके पूरे शरीर पर चोट के निशान हैं। भाई को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला। ओमकार का आरोप है कि रात भर उसे थाने पर रखकर यातनाएं दी गईं। शनिवार सुबह 6 बजे हमें गांव से करीब 500 मीटर दूर फेंक दिया। सत्यवीर सड़क किनारे मरा हुआ मिला।
ट्रैक्टर-ट्रॉली से शव लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंचे परिजन
परिजनों का कहना है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। परिजन शव को ट्रैक्टर-ट्रॉली में लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंच गए। गेट के सामने शव को रखकर प्रदर्शन किया। हंगामा बढ़ता देख एएसपी राजकुमार सिंह ने जाकर परिजनों से बातचीत की। परिजनों ने शव को पुलिस को सौंपने से मना कर दिया। एएसपी ने जांच कराने, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भरोसा दिया। एसएसपी ने दो दारोगा को लाइन हाजिर करने की जानकारी दी। तब शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने दिया।
युवक को सकुशल छोड़ा गया था- पुलिस
हालांकि, एटा के सीओ ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहना है कि जो घटना परिजन बता रहे हैं, उसे तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। थाने में सत्यवीर से पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग है। युवक को सकुशल छोड़ा गया था। कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और जांच के बाद ही तस्वीर साफ हो जाएगी।
आरोप सही पाए गए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी
एसएसपी श्याम नारायण सिंह का कहना है कि संदेह के दायरे में आए सत्यवीर सिंह को थाने बुलाया गया था। वह अपने भाई और एक अधिवक्ता के साथ थाने आए थे। पूछताछ के बाद उन्हें परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया था। परिजनों का आरोप है कि थाने में पुलिसकर्मियों ने सत्यवीर के साथ मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गई। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। आरोपों में सत्यता पाई जाती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में दारोगा सुरेंद्र सिंह यादव, दारोगा आसिफ अली और तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों पर आरोप लगे हैं। फिलहाल दोनों दारोगा को लाइन हाजिर कर दिया है।