खरगोन: कुछ देर पहले स्ट्रीट डॉग्स को बिस्किट खिलाए और कुछ ही देर में डॉग्स ने छोटी बच्ची पर हमला बोल दिया। मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने घटना देखी और तत्काल बच्ची को बचा लिया। उधर सुप्रीम कोर्ट ने भी आवारा स्ट्रीट डॉग्स के लिए सोमवार को सख्ती दिखाते हुए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
मौके पर पहुंच गए बाइक सवार
मध्य प्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय पर आज स्ट्रीट डॉग्स के एक छोटी बच्ची पर हमला करने की कोशिश को दोपहिया वाहन सवारों ने विफल कर दिया। सोशल मीडिया पर घटना के वीडियो वायरल हुए हैं। इस तरह की घटनाएं बढ़ने से परेशान लोगों ने शिकायत के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप फार्म किया है।
बाल-बाल बची छोटी बच्ची
खरगोन के बीटीआई रोड पर एक छोटी बच्ची अपने घर की ओर जा रही थी कि अचानक कुछ स्ट्रीट डॉग्स ने उस पर हमला बोलने की कोशिश की। बच्ची ने स्थिति को भांप लिया और त्वरित बुद्धि का उपयोग करते हुए घर की ओर न जाते हुए वहां खड़े एक वाहन के पीछे छिप गयी।
बाइक वालों की पड़ गई नजर
इसी बीच स्ट्रीट डॉग्स वहां भी पहुंच गए लेकिन इसी दौरान दो पहिया वाहन पर सवार दो लोगों ने बच्ची की आवाज सुनी और अपना वाहन रोक लिया। उन्हें अपनी ओर आते हुए देख डॉग्स दूर भाग गए। डरी सहमी बच्ची फिर से घर की ओर जाने के लिए निकली। जब दुपहिया वाहन सवार आश्वस्त हो गये कि अब डॉग्स का डर नहीं है तो उन्होंने लड़की को जाने के लिए कह दिया।
सीसीटीवी हो रहा वायरल
एक निजी स्कूल के संचालक प्रेरित मेहता ने घटना का सीसीटीवी फुटेज हासिल किया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। ये वीडियोज बाद में कई ग्रुपों में देखे गए। उन्होंने बताया कि यदि वह दोनों युवक नहीं आते तो बच्ची नाली में गिर जाती और डॉग्स उस पर आसानी से अटैक कर देते। उन्होंने एक वीडियो और जारी किया, जिसमें इस घटना के करीब 15 मिनट पहले एक युवक उन कुत्तों को दुपहिया वाहन से आकर बिस्किट खिला रहा है।
डॉग्स फीडिंग पर भी उठे सवाल
प्रेरित मेहता ने बताया कि प्रतिदिन बड़ी मात्रा में बिस्कुट और दूध स्ट्रीट डॉग्स को खिलाया जाता है। फिर भी डॉग्स आए दिन नागरिकों पर अटैक करते हैं। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद एक व्हाट्सएप ग्रुप फॉर्म किया गया है, जिसमें कुत्तों से संबंधित घटनाओं के बारे में शिकायत प्राप्त कर प्रशासन तक पहुंचाई जाएगी।
कलेक्टर ने कही कार्रवाई की बात
उधर खरगोन के जिला कलेक्टर भव्या मित्तल ने भी उक्त वीडियोज देखे। उन्होंने बताया कि नगर पालिका नियमित रूप से डॉग्स के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। दूसरी ओर, पेटा और अन्य कुत्ता प्रेमी एजेंसियां कार्रवाई का विरोध करती हैं। लेकिन नगरपालिका इससे संबंधित नियमों का पालन करते हुए कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी डॉग्स को कवर करने में कुछ महीने लगेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी की है गाइडलाइंस
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के इलाकों से सभी आवारा कुत्तों को उठाएं और उन्हें आश्रय स्थलों (शेल्टर होम्स) में रखें। कोर्ट ने यह भी कहा कि कुत्ते सड़कों पर वापस नहीं आएंगे। आवारा कुत्तों की समस्या को बेहद गंभीर बताते हुए जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन ने कई निर्देश पारित किए और चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति या संगठन आवारा कुत्तों को उठाने के काम में रुकावट डालेगा, तो उसके खिलाफ अदालत अवमानना की कार्यवाही शुरू करेगी। इस निर्णय का डॉग लवर्स ने विरोध भी आरंभ कर दिया है।