मुंबई : सुपरस्टार रजनीकांत के लिए इस वक्त डबल खुशी का मौका है। उनकी फिल्म 'कुली' कल गुरुवार 14 अगस्त को रिलीज हुई और ओपनिंग डे पर ही इसने 50 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है। दूसरी तरफ आज 15 अगस्त को 'थलाइवा' ने सिनेमा की दुनिया में 50 साल का सफर पूरा किया है। अभिनेता के करियर के इस स्वर्णिम अवसर पर जानते हैं उनकी जिंदगी और करियर से जुड़ी बातें
ऑफिस बॉय, कुली और कंडक्टर के रूप में किया काम
साउथ सुपरस्टार रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर 1950 को एक मराठी परिवार में हुआ था। उनके पिता पुलिस हेड कांस्टेबल थे। फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले रजनी का नाम शिवाजी राव गायकवाड़ था। रजनी जब महज चार वर्ष के थे तब उनके सिर से मां का साया हट गया। घर की आर्थिक स्थिति खराब थी। शुरुआती दौर में रजनीकांत ने कुली और कंडक्टर के रूप में काम किया है। उन्होंने ऑफिस बॉय के रूप में भी नौकरी की। हालांकि, यह सब काम करते हुए भी वे बड़ा आदमी बनने का सपना देखा करते। अभिनेता बनने के ख्वाब बुना करते थे।
अपनी जिंदगी खत्म करने का आया था ख्याल
रजनीकांत ने गरीबी देखी है, संघर्ष किया है, मगर एक ऐसा दौर भी देखा जब वे निराश हो चुके थे। एक इवेंट में अभिनेता ने यह खुलासा किया कि उनके अंदर हमेशा से अमीर बनने की एक ललक थी, जिसकी वजह से वे किसी भी चीज से नहीं डरे। मगर, इतने पक्के इरादे के बावजूद उनकी जिंदगी में एक ऐसा पल भी आया, जब वे इतना निराश हो गए। एक इंटरव्यू में रजनीकांत ने कहा था, 'गरीबी के कारण मैंने कभी ऑफिस ब्वॉय का काम किया तो कभी लोगों का कुली बनकर सामान ढोया। मैं बाद में बढ़ई की नौकरी करने लगा। गरीबी क्या होती है यह मैं अच्छी तरह जानता हूं। गरीबी झेलते हुए एक समय मेरी जिंदगी में ऐसा भी आया, जब मैं इतना डर गया था या कि मेरे मन में खुद को खत्म करने का ख्याल भी आया था'।
अनोखे अंदाज में काटा करते थे टिकट
रजनीकांत को अभिनय का जुनून इस कदर था कि वे जब कंडक्टर थे तो बस में अनोखे अंदाज से टिकट काटा करते थे। इस अनोखे अंदाज के चलते भी वे ड्राइवर-कंडक्टर्स के बीच काफी लोकप्रिय हुए। रजनीकांत के अभिनेता बनने के सफल में उनके दोस्त राजबहादुर ने खूब मदद की। राज बहादुर ने ही रजनीकांत को मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में एडमिशन के लिए प्रेरित किया। हालांकि, एक्टिंग कोर्स में एडमिशन उनके लिए आसान नहीं था, मगर रजनीकांत के अन्य दोस्तों ने भी मदद की। एक्टिंग सीखने के दौरान ही अभिनेता ने तमिल भाषा सीखी। इसी दौरान उनकी मुलाकात निर्देशक के बालचंदर से हुई, जिन्होंने अभिनेता को ब्रेक दिया।
सिनेमा के गुरु ने दिया रजनीकांत नाम
मशहूर तमिल निर्देशक के बालचंदर ने शिवाजी राव गायकवाड़ का नाम बदलकर रजनीकांत रखा। रजनीकांत ने जब इंडस्ट्री में अपना सफर शुरू किया उस दौर में तमिल इंडस्ट्री में शिवाजी गणेशन काफी लोकप्रिय थे। दोनों के नाम में कंफ्यूजन न हो इसलिए के बालचंदर ने शिवाजीराव गायकवाड़ को 'रजनीकांत' नाम दिया। बता दें कि रजनीकांत की डेब्यू फिल्म 'अपूर्व रागंगल' का निर्देशन दिवंगत के बालचंदर ने ही किया। इन्हें रजनीकांत अपना गुरु मानते थे।
पहली फिल्म में निभाया नेगेटिव रोल
रजनीकांत की डेब्यू फिल्म 'अपूर्व रागंगल' 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई। उस वक्त रजनीकांत की उम्र 25 वर्ष थी। डेब्यू फिल्म में वे एक छोटी सी निगेटिव भूमिका में दिखाई दिए। कुछ वक्त तक इसी तरह के रोल किए। इसके बाद उनके पास लीड रोल का ऑफर आना शुरू हो गया और देखते ही देखते वे इस कदर सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए कि आज फैंस उन्हें भगवान का दर्जा देते हैं। फिल्मी दुनिया में रजनीकांत का क्या कद है, यह दुनिया जानती है।
पहली बॉलीवुड फिल्म में बिग बी के साथ किया काम
दक्षिण सिनेमा में करियर शुरू करने के करीब आठ साल बाद रजनीकांत ने बॉलीवुड का रुख किया। उनकी पहली हिंदी फिल्म 'अंधा कानून' थी। साल 1983 में रिलीज हुई इस फिल्म में रजनीकांत ने हेमा मालिनी, अमिताभ बच्चन, प्राण, अमरीश पुरी और डैनी डेंगजोंग्पा जैसे कलाकारों के साथ काम किया है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जबर्दस्त रही। इसने बजट से करीब चार गुना अधिक कारोबार किया है।
शोहरत में अमिताभ बच्चन का बड़ा हाथ
रजनीकांत की शोहरत में अमिताभ बच्चन की फिल्मों का बड़ा हाथ रहा है। अमिताभ बच्चन की एक दर्जन से ज्यादा हिट फिल्मों की रीमेक में रजनीकांत ने काम किया है और इसी के चलते दोनों का रिश्ता भी बहुत करीब का बना रहा है। रजनीकांत ने कई मौकों पर ये माना भी कि बिग बी की जिन फिल्मों के रीमेक में वह हीरो बने, उन्होंने ही उन्हें स्टारडम दिलाया।
10 वर्षों में 100 फिल्में कर बनाया रिकॉर्ड
रजनीकांत के करियर की गाड़ी चल पड़ी तो उनके पास फिल्मों के भी खूब ऑफर आने लगे। इस बात का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि अपने करियर के 10 वर्षों में उन्होंने 100 फिल्में पूरी कर डालीं। अभिनेता की 100वीं फिल्म 'श्री राघवेंद्र' थी, जिसमें उन्होंने हिंदू संत राघवेंद्र स्वामी का किरदार अदा किया।
फिल्म फ्लॉप होने पर लौटा देते हैं फीस
अभिनेता रजनीकांत की फिल्मों को दर्शक भरपूर प्यार देत हैं। मगर, सुपरस्टार के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उनकी फिल्में अगर नहीं चल पातीं या फ्लॉप हो जाएं तो वे बिना किसी हिचकिचाहट के तुरंत डिस्ट्रीब्यूटर्स का पैसा वापस कर देते हैं। फिल्म '2.0' के एक इवेंट के दौरान अक्षय कुमार ने भी इसका जिक्र किया था। खिलाड़ी भी रजनीकांत की इस अदा के मुरीद हैं।
निम्मी से हुआ था थलाइवा को प्यार
फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले रजनीकांत एक बस कंडक्टर थे। इसी दौरान उन्हें एक लड़की से प्यार हुआ था, जिसका नाम निम्मी था। रजनीकांत ने अपनी बायोग्राफी ‘द नेम इज रजनीकांत’ में इस किस्से का जिक्र किया है। थलाइवा जिस लड़की को दिल दे बैठे थे उसका नाम निर्मला था। रजनीकांत उसे प्यार से निम्मी बुलाते थे। रजनीकांत आज जो भी हैं, वो निम्मी की वजह से ही हैं। निर्मला MBBS की स्टूडेंट थीं। रजनीकांत अक्सर उनसे मिलते थे। निम्मी ने ही रजनीकांत को अभिनय कोर्स करने के लिए पैसे दिए थे, ताकि वे अपना करियर बना सकें। रजनीकांत, निम्मी के साथ शादी के सपने देखने लगे थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
रजनीकांत की नेटवर्थ
रजनीकांत ने बड़ा आदमी बनने का जो सपना देखा था वह अपनी मेहनत और लगन के दम पर पूरा किया। न सिर्फ शोहरत, बल्कि दौलत के मामले में भी अभिनेता बहुत आगे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रजनीकांत की नेटवर्थ 500 करोड़ रुपये है।
दिलचस्प है पत्नी लता के साथ लव स्टोरी
अभिनेता की निजी जिंदगी का बात करें तो उन्होंने साल 1981 में लता रजनीकांत से शादी रचाई। इनकी लव स्टोरी काफी दिलचस्प है। रजनीकांत पहली नजर में ही लता को दिल दे बैठे थे। दरअसल, लता एक मैगजीन के लिए इंटरव्यू लेने के लिए रजनीकांत से मिली थीं, फिर मुलाकातों का सिलसिला चल पड़ा। प्यार हुआ और फिर दोनों ने जिंदगीभर के लिए एक-दूजे का हाथ थाम लिया। कपल की दो बेटियां- ऐश्वर्या और सौंदर्या हैं।