नई योजना: पीएम विकसित भारत रोजगार पोर्टल से मिलेगी रोजगार संभावनाओं की सुविधा

व्यापार : सरकार ने सोमवार को प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना (पीएमवीबीआरवाई) पोर्टल लांच किया। केंद्रीय मंत्री मनसुख एल मंडाविया ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने नियोक्ताओं और पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों से एक लाख करोड़ रुपये की इस केंद्रीय योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 जुलाई, 2025 को रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी।

केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री ने बताया है कि लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, केंद्र की इस योजना का लक्ष्य 1 अगस्त, 2025 से 31 जुलाई, 2027 तक 2 वर्षों की अवधि में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को बढ़ावा देना है। 

उन्होंने कहा कि सभी नियोक्ता और पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारी इस योजना के अंतर्गत आते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति पोर्टल पर पंजीकरण करके या उमंग ऐप पर अपना यूएएन नंबर अपलोड करके प्रोत्साहन लाभ प्राप्त कर सकता है। मंडाविया ने कहा कि योजना का भाग ए पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए है, जबकि भाग बी नियोक्ताओं को सहायता प्रदान करता है।

उन्होंने बताया कि भाग ए के तहत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को औसतन एक महीने के वेतन (बेसिक+डीए) के बराबर 15,000 रुपये तक का एकमुश्त प्रोत्साहन दो किस्तों में दिया जाएगा।

नियोक्ता तीन स्लैब के तहत प्रोत्साहन पाने का हकदार है। अगर किसी कर्मचारी का वेतन 10,000 रुपये प्रति माह है, तो नियोक्ता को 1,000 रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा। 10,000-20,000 रुपये के बीच मासिक वेतन वाले कर्मचारी के नियोक्ता को 2,000 रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा। जिन नियोक्ताओं के नए कर्मचारी का वेतन 30,000 रुपये तक है, उन्हें 3,000 रुपये का एकमुश्त प्रोत्साहन मिलेगा।

मंत्री ने कहा, "इस योजना से देश में नए रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा और नए कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि से मदद मिलेगी।" मंत्रालय ने एक नोट में कहा कि एक लाख रुपये तक के सकल वेतन वाले कर्मचारी भाग ए के तहत इस योजना के लिए पात्र होंगे। भाग बी सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहन प्रदान करेगा, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

मंत्रालय ने नोट में कहा है, "इस भाग तहत, प्रतिष्ठान को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी (पहली बार आने वाले और दोबारा आने वाले दोनों) के लिए कम से कम छह महीने की निरंतर अवधि के लिए 3,000 रुपये प्रति माह तक का प्रोत्साहन मिलेगा। प्रोत्साहन का भुगतान 2 वर्षों के लिए किया जाएगा। हालांकि, विनिर्माण क्षेत्र के प्रतिष्ठानों के लिए प्रोत्साहन 4 वर्षों के लिए प्रदान किया जाएगा।"

इस भाग के अंतर्गत पात्र होने के लिए, प्रतिष्ठानों को कम से कम छह महीने के लिए निरंतर आधार पर कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारियों (50 से कम मौजूदा कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) या पांच अतिरिक्त कर्मचारियों (50 या अधिक मौजूदा कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) को नियुक्त करना आवश्यक होगा। मंत्रालय के अनुसार, ईपीएफ व एमपी अधिनियम, 1952 के अंतर्गत छूट प्राप्त प्रतिष्ठान भी इसमें शामिल हैं। उन्हें उमंग ऐप पर उपलब्ध सुविधा का उपयोग करके इलेक्ट्रॉनिक चालान-सह-रिटर्न (ईसीआर) दाखिल करना होगा और अपने सभी मौजूदा व नए कर्मचारियों के लिए यूएएन खोलना होगा।