धार: शहर के हटवाड़ा क्षेत्र स्थित विवादित इमामबाड़े पर जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए कब्जा कर लिया है। बुधवार की दरमियानी रात करीब ढाई बजे प्रशासनिक टीम भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची और इमारत को खाली करवाकर सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के हवाले कर दिया। कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती है।
इमामबाड़े में होता था ताजिया का निर्माण
जानकारी के अनुसार, इमामबाड़े पर लंबे समय से ताजिया कमेटी का कब्जा था और यहां ताजियों के निर्माण का काम होता रहा है। प्रशासनिक कार्रवाई से पहले कमेटी द्वारा 40वां ताजिया निकालने की परंपरा पूरी की गई। जैसे ही जुलूस कर्बला पहुंचा, उसके तुरंत बाद रात लगभग 3:44 बजे अधिकारियों ने भवन खाली कराया। कार्रवाई के दौरान नया लोहे का गेट लगाया गया और 4:34 बजे गेट पर दो ताले जड़ दिए गए। इसके साथ ही भवन पर नोटिस चस्पा कर दिया गया, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा था कि यह संपत्ति पीडब्ल्यूडी संभाग धार की है।
कोर्ट से लेकर प्रशासन तक लंबी लड़ाई
इमामबाड़े के स्वामित्व को लेकर पिछले कुछ समय से मामला एसडीएम कोर्ट में लंबित था। 14 जुलाई को एसडीएम कोर्ट ने ताजिया कमेटी को नोटिस जारी कर दो हफ्ते के भीतर भवन खाली करने का आदेश दिया था। कमेटी ने इस आदेश को हाई कोर्ट और इंदौर के राजस्व न्यायालय में चुनौती दी, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिल पाई। करीब एक महीने तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद अंततः प्रशासन ने आदेश को लागू किया और भवन का कब्जा लेकर पीडब्ल्यूडी को सौंप दिया।
PWD का हो गया धार का विवादित इमामबाड़ा, भारी पुलिस बल मौजूदगी में किया कब्जा
भारी सुरक्षा व्यवस्था
धार जिला प्रशासन और पुलिस ने इस कार्रवाई को बेहद संवेदनशील मानते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। शहर के हर चौराहे, मुख्य मार्ग और इमामबाड़ा परिसर के आसपास पुलिस बल की तैनाती की गई। बताया जा रहा है कि करीब 700 से 800 जवानों को अलग-अलग इलाकों में लगाया गया ताकि किसी भी तरह की अफवाह या अशांति न फैल सके।
कलेक्टर और एसपी मौके पर मौजूद
जिला कलेक्टर और एसपी मनोज कुमार सिंह खुद मौके पर मौजूद रहे। एसपी ने बताया कि यह कार्रवाई पूरी तरह कोर्ट के आदेश के तहत की गई है। उन्होंने कहा की एसडीएम कोर्ट ने इमामबाड़े को पीडब्ल्यूडी की संपत्ति घोषित किया था। अपील भी की गई, लेकिन खारिज हो गई। इसके बाद प्रशासन ने त्योहार खत्म होने का इंतजार किया और समाज के लोगों से बातचीत कर शांतिपूर्ण माहौल में भवन को खाली कराया गया।
शहर की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन सख्त
धार शहर को संवेदनशील माना जाता है, ऐसे में प्रशासन ने किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए कड़े कदम उठाए। अफवाहों पर रोक लगाने के लिए पुलिस के साथ-साथ खुफिया टीमों को भी सतर्क किया गया है।