एमपी की राजधानी का काला सच, ओवरस्पीडिंग हादसों के मामले में भोपाल देशभर में चौथे नंबर पर पहुंचा

जबलपुरः मध्य प्रदेश में सरकार सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए अलग-अलग अभियान चलाती है। इसके बीच प्रदेश के रोड एक्सीडेंट को लेकर जारी हुए सरकारी आंकड़ों ने सबको चौंका दिया है। टू व्हीलर एक्सीडेंट में जबलपुर का स्थान देश में अव्वल है। वहीं, सड़क दुर्घटनाओं के मामले में दिल्ली जबलपुर का स्थान देश में तीसरे स्थान पर है। ताजा सरकारी रिपोर्ट बताती है कि यहां सड़क पर टू व्हीलर चालकों की सुरक्षा बेहद चिंताजनक स्थिति में है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, देश के 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में सबसे अधिक टू व्हीलर एक्सीडेंट जबलपुर में दर्ज हुए हैं। यहां 2619 एक्सीडेंट में 301 मौतें हुई हैं जबकि 2527 घायल हुए। सड़क दुर्घटनाओं की कुल संख्या के मामले में भी जबलपुर तीसरे स्थान पर है।

सबसे अधिक हादसों वाला शहर
साल 2023 में जबलपुर सड़क दुर्घटनाओं के मामले में भी तीसरे नंबर पर है। यहां कुल 4205 सडक दुर्घटनाएं घटित हुई। आश्चर्यजनक रूप से यह आंकड़ा मुंबई और कोलकाता जैसे महानगरों से भी अधिक है। हालांकि सड़क दुर्घटनाओं के मामले में दिल्ली और बेंगलुरु के बाद जबलपुर शहर का नाम आता है।

सेफ्टी डिवाइस न होना बड़ा कारण
टू व्हीलर में सेफ्टी डिवाइस लगाने को लेकर एक युवक ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। कानूनी लड़ाई लड़ने वाले ज्ञान प्रकाश का कहना है कि है प्रमुख कारण नियमों का पालन न करना है। मोटर व्हीकल एक्ट की धाराओं और सेन्ट्रल मोटर व्हीकल एक्ट की धारा के तहत तीन सेफ्टी डिवाइस जरूरी है। इनमें-
-पीछे बैठने वाले व्यक्ति को पकड़ने के लिए हैंडल
-वाहनों के पहिए आधे कवर होना
-तीसरा फुटरेस्ट आवश्यक है।

टू व्हीलर कंपनियां कर रही अनदेखी
सेफ्टी डिवाइस को लेकर ज्ञान प्रकाश ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बिना सेफ्टी डिवाइस के दुपहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी थी। इसके बाद मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। एससी ने भी साल 2018 में एसएलपी को खारिज कर दी थी। इसके बावजूद भी दुपहिया वाहनों में सेफटी डिवाइस नहीं लगाई जा रहे है। इसके अलावा मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 129 में दोपहिया वाहनों में सवार व्यक्तियों के लिए हेलमेट आवश्यक है। इस नियम का पालन भी नहीं किया जा रहा है। सेफ्टी डिवाइस नहीं होने के कारण दुर्घटना घटित होती है।

ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं
एएसपी अंजना तिवारी का कहना है कि नागरिकों का यातायात नियमों के प्रति लापरवाह रवैया भी हादसों को बढ़ाता है। सुरक्षित ड्राइविंग के लिए जागरूकता जरूरी है। लेकिन यह बेहद चिंताजनक है कि जबलपुर जैसे शहर में दोपहिया दुर्घटनाओं की संख्या पूरे देश में सबसे ज्यादा है।

भोपाल में ओवरस्पीडिंग से बढ़ रहे हादसे
वहीं, परिवहन मंत्रालय की जारी भारत में सड़क दुर्घटनाएं-2023 रिपोर्ट के अनुसार, राज्य की राजधानी भोपाल भारत के सबसे अधिक दुर्घटना-अग्रणी शहरों में से एक बनी हुई है। यह 2906 सड़क दुर्घटनाओं के साथ 2023 में देश में नौवें स्थान पर है। तेज गति से वाहन चलाने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में भोपाल राष्ट्रीय स्तर पर चौथे स्थान पर है। तेज गति से वाहन चलाने के कारण 2906 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 196 लोगों की जान गई है। वहीं, 2196 घायल हुए।