हापुड़: बेशकीमती हीरे और पन्ना जड़े कलश को चुराने वाला भूषण वर्मा इस धंधे का पुराना खिलाड़ी निकला। वह पहले भी दिल्ली के दो मंदिरों से कलश चुरा चुका है। उसने पिछले साल लाल मंदिर और अशोक विहार स्थित मंदिर से कलश गायब कर दिया था। उसके खिलाफ 5 मुकदमे दर्ज हैं। 2016 में चोरी के मामले में वह जेल भी जा चुका है। वारदात के दौरान पकड़े जाने से बचने के लिए वह कभी मोबाइल फोन साथ नहीं रखता था। पुलिस ने बताया कि भूषण वर्मा पेशेवर ठग है। वह जैन समाज के धार्मिक आयोजनों को ही निशाना बनाता था क्योंकि इन कार्यक्रमों में स्वर्ण और रत्नजड़ित कलश का उपयोग होता है। वह जैन संत या सेवादार बनकर समारोह में घुल-मिल जाता था। रेकी करने के बाद चोरी की वारदात को अंजाम देता था। लाल किला के सामने स्थित पार्क में तीन सितंबर को आयोजित कार्यक्रम से उसने तीन कीमती कलश चुरा लिए थे। इनमें 760 ग्राम सोने और 150 ग्राम हीरे से जड़ा एक कलश तथा दो शुद्ध सोने के कलश शामिल थे।
खुद को सेवादार साबित करने में हो जाता था सफल
भूषण वर्मा चोरी की साजिश बेहद सधे तरीके से रचता था। जैन मंदिरों और उनके आयोजनों की जानकारी जुटाता था। कार्यक्रम से दो-तीन दिन पहले रेकी कर लेता था और मौके पर खुद को सेवादार साबित करने में सफल हो जाता था। दिल्ली पुलिस ने कलश चोरी मामले में भूषण वर्मा समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार लिया है। चोरी के कलश भी बरामद हो चुके हैं।
सोना पिघलाने और खरीदने वाले भी पकड़े गए
एसपी सिटी विनीत भटनागर ने NBT ऑनलाइन से बताया कि दिल्ली पुलिस की टीम ने हापुड पुलिस को साथ लेकर असौड़ा में छापा मारकर भूषण वर्मा को गिरफ्तार किया। उसके घर से चोरी किया गया 760 ग्राम का सोने का कलश मिला। उसने बाकी दो कलश बेचने की बात कबूल की। दिल्ली पुलिस दोबारा हापुड़ पहुंची और उसकी निशानदेही के दो स्थानों पर छापा मारकर सोना पिघलाने वाले अंकित पाटिल और पिघला हुआ सोना खरीदने वाले गौरव कुमार वर्मा को भी गिरफ्तार किया। इनके पास से करीब 150 ग्राम पिघला हुआ सोना और दस हजार रुपये नकद बरामद हुए।