साल भर में कुल चार बार नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. एक शारदीय नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि. इन चारों में सबसे ज्यादा धूमधाम से शारदीय नवरात्रि पूरे देश भर में मनाई जाती है. नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा नौ रूपों की पूजा 9 दिनों तक पूरे विधि विधान और मंत्र उच्चारण के साथ की जाती है. इससे माता दुर्गा बेहद प्रसन्न होती हैं और घर में सुख समृद्धि की वृद्धि होती है. वहीं कुछ ऐसी भी वस्तु हैं जो मां दुर्गा को बेहद प्रिय हैं, अगर नवरात्रि के दौरान उस वस्तु को घर ले आकर रखते हैं तो भक्त पर मां दुर्गा की विशेष कृपा बरसती है. कौन सी है वह वस्तु जानते हैं
कहा कि अश्विन माह की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है. इस साल 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है. इस दौरान माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा आराधना की जाएगी. महा अष्टमी और महानवमी तिथि के दिन कुमारी कन्या पूजन भी किया जाएगा. इससे माता दुर्गा बेहद प्रसन्न होती हैं और भक्त के घर में या भक्ति के ऊपर आने वाले सभी संकट समाप्त हो जाते हैं. सुख सौभाग्य में भी वृद्धि होती है.
नवरात्रि से पहले घर लें आए यह वस्तुएं
माता दुर्गा को कई वस्तु ऐसी है जो बेहद प्रिय है. अगर भक्त नवरात्रि के दिन या नवरात्रि से एक दिन पहले घर ले आए तो सुख सौभाग्य में वृद्धि होगी.
महालक्ष्मी यंत्र: महालक्ष्मी यंत्र मां दुर्गा बेहद प्रिय है. अगर घर में नवरात्रि से पहले महालक्ष्मी यंत्र ले आते हैं तो घर में कभी धन की कमी नहीं होंगी. आर्थिक तंगी नहीं होगी.
स्वास्तिक: नवरात्रि के दिन या उससे पहले भक्त स्वास्तिक ले आये और पूजा स्थल में रखकर हर रोज पूजा आराधना करें. मां दुर्गा बेहद प्रसन्न होंगी. घर में सुख सौभाग्य की वृद्धि होंगी.
नवग्रह यंत्र: अगर नवरात्रि से पहले घर में नवग्रह यंत्र ला कर रख देते हैं और पूरे नौ दिन पूजा आराधना करते हैं तो कुंडली में जितने भी ग्रह दोष है वह समाप्त हो जाएगा.
श्रृंगार: श्रृंगार की वस्तु मां दुर्गा को बेहद प्रिय है. इसलिए नवरात्रि में 16 श्रृंगार की वस्तु घर ले आये और मां दुर्गा के ऊपर अर्पण करें. हर मनोकामना पूर्ण होंगी.
शंख: कई पूजा में बिना शंख बजाए पूर्ण होती है. वहीं नवरात्रि में भी शंख बजाया जाता है. इसलिए अगर नवरात्रि से पहले दक्षिणावर्ती शंख घर ले आते है तो मां दुर्गा बेहद प्रसन्न होंगी. इससे घर में हमेशा खुशहाली बनी रहेगी.