कूनो जंगल का शेर नहीं, चीता! भारत का गौरव, जंगल से निकलकर गांव में दिखाई दिया, सड़क पर शान से चलता नजर आया

मुरैना: सबलगढ़ क्षेत्र में एक बार फिर चीते की मौजूदगी से लोगों में दहशत फैल गई है। घाटी नीचे के इलाके सालई गांव में सुबह अचानक सड़क पर एक चीता टहलता हुआ नजर आया। इस नजारे को देखकर ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। कई लोगों ने चीते को अपने मोबाइल कैमरों में कैद कर लिया और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।

शावक के होने की आशंका
जानकारी के मुताबिक यह वही मादा चीता ‘केपी-1’ का शावक होने की आशंका है, जो कूनो नेशनल पार्क से बाहर निकलकर लंबे समय से मुरैना जिले के सबलगढ़ क्षेत्र में घूम रहा है। वन विभाग का मानना है कि यह चीता अपने सुरक्षित क्षेत्र से भटक कर घाटी नीचे के इलाके में पहुंच गया है। यह रामपुर कला और सालई गांव के पास देखा गया। ग्रामीणों ने जैसे ही सड़क पर चीते को देखा, आसपास के लोगों को सतर्क कर दिया। कुछ देर के लिए गांव में दहशत का माहौल बन गया।

वन विभाग की टीम रख रही है नजर
वन विभाग और चीता मित्रों की टीम लगातार इस इलाके पर नजर बनाए हुए है। टीम ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अकेले खेतों में न जाएं, बच्चों को भी खुले में न छोड़ें। चीते के पास जाने या उसे परेशान करने की कोशिश बिल्कुल न करें। साथ ही ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि किसी भी तरह की गतिविधि या चीते के मूवमेंट की सूचना तुरंत वन विभाग को दें, ताकि उसकी सुरक्षित ट्रैकिंग की जा सके।

कई बार पार्क की सीमा से निकल जाते हैं बाहर
कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीते पिछले कुछ महीनों में कई बार पार्क की सीमाओं से बाहर निकलकर आसपास के गांवों में देखे गए हैं। हालांकि अब तक किसी तरह की जनहानि या नुकसान की खबर नहीं आई है। वन विभाग के मुताबिक चीते आमतौर पर इंसानों से दूरी बनाए रखते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा और ग्रामीणों की सावधानी बेहद जरूरी है।

लोगों में है उत्सुकता
सबलगढ़ क्षेत्र में चीते के आने से जहां दहशत का माहौल है, वहीं लोग इसे नजदीक से देखने के लिए उत्सुक भी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि वन विभाग की गाइडलाइन का पालन किया जाए तो किसी भी तरह के खतरे से बचा जा सकता है। ग्रामीणों से लगातार शांति और सतर्कता बनाए रखने की अपील की जा रही है।