जम्मू,। 18 दिन के लंबे इंतजार के बाद वैष्णो देवी की यात्रा रविवार से फिर शुरू हो रही है। इससे कटरा, भवन और यात्रा मार्ग पर छाया सन्नाटा टूटने के साथ ही फिर श्रद्धालु मां वैष्णों देवी के दर्शन कर सकेंगे। यात्रा शुरू होने की सूचना मिलते ही श्रद्धालु उत्साहित हो गए। यात्रा मार्ग पर काम करने वाले घोड़ा, पिट्ठू वालों से लेकर कटरा और जम्मू के व्यापारियों के चेहरे भी खिल गए हैं। इस बीच वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा मार्गों की साफ-सफाई तेज कर दी है। बोर्ड ने कहा है कि यात्रा संबंधी जानकारी के लिए श्रद्धालु वेबसाइट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बता दें यात्रा मार्ग पर 26 अगस्त को आद्कुंवारी क्षेत्र के पास भारी भूस्खलन होने से 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इसके बाद लगातार बारिश और यात्रा मार्ग की स्थिति को देखते हुए श्राइन बोर्ड ने यात्रा स्थगित कर दी थी। इसपर देशभर से आए श्रद्धालु लौट गए थे। कई श्रद्धालु अभी भी कटरा में यात्रा शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। यह पहली बार है जब भूस्खलन के कारण इतने लंबे समय तक यात्रा रोकी गई। 2005 व 2014 में भूस्खलन से यात्रा चार से पांच दिन बंद रही थी।
वहीं कोरोना काल में यात्रा छह माह बंद रही थी। वहीं, भूस्खलन से प्रभावित हुए अर्धकुंवारी क्षेत्र की मरम्मत कर श्रद्धालुओं के चलने लायक बना दिया गया है। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन दल व बोर्ड के कर्मियों को तैनात किया गया है। यात्रा शुरू होने की जानकारी मिलते ही दुकानें खुलना शुरू हो गई हैं। कटरा का व्यापार यात्रा पर ही निर्भर है, ऐसे में यात्रियों के न आने से कारोबार 18 दिन से बंद था। व्यापारियों का दावा है कि इन 18 दिन में कटरा में व्यापार, ट्रांसपोर्ट व होटल इंडस्ट्री को 800 से 1000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
वहीं, जम्मू के कारोबार के लिए भी यात्रा विशेष महत्व रखती है। कटरा आने वाले श्रद्धालु जम्मू में भी आकर खरीदारी करते हैं। मौसम में सुधार के चलते यात्रा को शुरु करने का फैसला लिया गया है। श्रद्धालुओं से अपील है कि वे यात्रा में सुरक्षा बल और प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। मां वैष्णो देवी की यात्रा घोड़ा, पिट्ठू, पालकी वालों से लेकर दुकानदारों के चेहरे खिल गए हैं।
बता दें 22 सितंबर से नवरात्र शुरू हो रहे हैं, लेकिन इस बार अर्धकुंवारी हादसे को देखते हुए कटरा में बेहद सादगी से धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस बार अखिल भारतीय भेंट प्रतियोगिता, शोभा यात्रा और दंगल आदि कार्यक्रम नहीं होंगे। हालांकि नवरात्र पर होने वाले कार्यक्रमों को लेकर अंतिम फैसला श्राइन बोर्ड और प्रशासन की बैठक में लिया जाएगा।
बता दें यात्रा बंद रहने से कटरा में व्यापार, ट्रांसपोर्ट व होटल इंडस्ट्री को 800 से 1000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। कटरा में 650 से 700 होटल हैं। सबसे ज्यादा होटल इंडस्ट्री को ही 400 से 500 करोड़ का नुकसान हुआ है। यात्रा शुरू होने से व्यापारी वर्ग को कुछ राहत मिलेगी। कई व्यापारियों ने बैंक से लोन ले रखा है। इसलिए उन्होंने सरकार से मांग की है कि लोन चुकाने के लिए छह माह की राहत दी जाए। इसके आलावा राहत पैकज भी दिया जाए, ताकि व्यपारी फिर खड़े हो सकें।
कटरा चैंबर के अध्यक्ष ने कहा कि कटड़ा में 400 से अधिक ड्राई फ्रूट की दुकानें हैं। हम व्यापारियों को 150 से 200 करोड़ का नुकसान हुआ है। इसके अलावा दुकानें बंद रहने से हमारा अखरोट, बादाम व अन्य ड्राई फ्रूट भी खराब हो गया है। यात्रा शुरू होना राहत की बात है। यात्रा मार्ग पर करीब 12 हजार घोड़े, पिट्टू और पालकी मजदूरों की रोजी-रोटी श्रद्धालुओं से ही चलती है। 18 दिन मजदूरों की कमाई का साधन बंद हो गया, जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है। कई मजदूरों के पास घर चलाने के लिए भी पैसे नहीं हैं।
सज गया मां का दरबार… कल से शुरू होगी वैष्णो देवी यात्रा, 18 दिन में एक हजार करोड़ का नुकसान
