पितृपक्ष की दशमी तिथि का श्राद्ध और हनुमानजी की पूजा, इन कार्यों से पितर और पवनपुत्र करेंगे कल्याण

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि मंगलवार, 16 सितंबर को पड़ रही है. इस दिन पितृपक्ष की दशमी तिथि का श्राद्ध भी किया जाएगा और मंगलवार है तो रामभक्त हनुमानजी के लिए व्रत और पूजन भी किया जाएगा. पितृपक्ष की दशमी तिथि का श्राद्ध विशेष महत्व रखता है. इस कारण दशमी तिथि पर किया गया श्राद्ध पितरों को शांति देने के साथ-साथ घर-परिवार में मानसिक शांति और चित्त की स्थिरता प्रदान करता है. मान्यता है कि इस दिन हनुमानजी की पूजा और पितरों का श्राद्ध करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती.

मंगलवार को आडल और विडाल योग
दृक पंचांग के अनुसार, सूर्य देव सिंह राशि में और चंद्रमा मिथुन राशि में विराजमान रहेंगे. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 40 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर के 3 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर 4 बजकर 53 मिनट तक रहेगा. इस दिन आडल और विडाल योग का निर्माण हो रहा है, जो धार्मिक कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है.

मंगल ग्रह की स्थिति होगी शुभ
मंगलवार का यह दिन रामभक्त हनुमान और मंगल ग्रह को समर्पित है. स्कंद पुराण के अनुसार, बजरंगबली का जन्म मंगलवार के दिन हुआ था. बजरंगबली को संकटमोचन और मंगल ग्रह के नियंत्रक के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन के कष्ट, भय और चिंताएं दूर होती हैं. साथ ही, मंगल ग्रह से संबंधित ज्योतिषीय बाधाएं भी समाप्त होती हैं. बजरंगबली के भक्तों के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है. इस दिन लाल रंग के वस्त्र पहनना, हनुमान चालीसा का पाठ करना और हनुमान जी को लाल सिंदूर व चमेली का तेल चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है.

हनुमानजी की पूजा विधि
इस दिन पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म-स्नान आदि करने के बाद पूजा स्थल को साफ करें. फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और पूजा की सामग्री रखें और उस पर अंजनी पुत्र की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद, हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ कर सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल और प्रसाद चढ़ाएं और बजरंग बली की आरती करें. इसके बाद आरती का आचमन कर आसन को प्रणाम करके प्रसाद ग्रहण करें. साथ ही इस दिन शाम को भी हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए.

मंगलवार के दिन जरूर करें यह काम
व्रत में केवल एक बार भोजन करें और नमक का सेवन न करें. मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शक्ति और साहस में वृद्धि होती है. इसके साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है. मान्यता है कि लाल रंग मंगल ग्रह का प्रतीक है. इस दिन लाल कपड़े पहनना और लाल रंग के फल, फूल और मिठाइयां अर्पित करना शुभ माना जाता है. ज्योतिषियों का कहना है कि इस दिन हनुमान मंदिर में दर्शन और पूजा से विशेष फल की प्राप्ति होती है. हनुमान जी की कृपा से भक्तों को साहस, शक्ति और आत्मविश्वास मिलता है. इस पावन दिन पर हनुमान जी की आराधना कर जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की कामना करें.
पितृपक्ष की दशमी तिथि का श्राद्ध
पितृपक्ष की दशमी तिथि को धर्म, सदाचार और शांति की प्रतीक तिथि माना गया है. इस दिन किया गया श्राद्ध उन पितरों के लिए विशेष फलदायी होता है जिनकी मृत्यु दशमी तिथि को हुई हो. शास्त्रीय नियम के अनुसार, श्राद्ध उसी तिथि को करना श्रेष्ठ माना गया है जिस तिथि को पितृ का देहावसान हुआ हो. दशमी के श्राद्ध से घर में सद्भाव, शांति और संतानों की उन्नति होती है. साथ ही मानसिक विकार, चित्त की अशांति तथा परिवार के भीतर होने वाले मतभेद शांत होते हैं.