नई दिल्ली: टीम इंडिया का पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाना, एशिया कप 2025 की सबसे बड़ी कंट्रोवर्सी बन गया है. इस मामले में कई सारे बयान, कई सारे एक्शन देखने और सुनने को अब तक मिले हैं. कईयों को लगता है कि भारतीय खिलाड़ियों ने हाथ नहीं मिलाकर पाकिस्तानी टीम के साथ जो किया वो सही है. वहीं कुछ को लगता है कि टीम इंडिया ने गलत किया है. टीम इंडिया के रवैए को गलत बताने वाले ऐसे ही एक पूर्व क्रिकेटर हैं मनोज तिवारी. बड़ी बात ये है कि उन्होंने पाकिस्तानियों से टीम इंडिया के हाथ नहीं मिलाने का विरोध किया, वो उनकी अपनी निजी राय रही. लेकिन, उसका विरोध करते-करते उन्होंने एक बड़ा झूठ भी बोल दिया.
मनोज तिवारी ने भारत के हाथ नहीं मिलाने का किया विरोध
अब सवाल है कि घरेलू क्रिकेट में बंगाल के लिए खेल चुके मनोज तिवारी ने झूठ क्या बोला? तो उस पर हम आएं, उससे पहले उनके जताए विरोध के बारे में जान लीजिए. इंसाइडस्पोर्ट्स को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि टीम इंडिया पाकिस्तान से नहीं खेलती मैच, वो ठीक होता. लेकिन, मैच खेलने के बाद उनके खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाकर टीम इंडिया ने गलती की है.
गौतम गंभीर के ढोंग को छिपाने की कोशिश
मनोज तिवारी ने इस गलती के पीछे गौतम गंभीर को मास्टर माइंड माना और कहा कि उन्होंने अपना ढोंग छिपाने के लिए ऐसा किया है. मनोज तिवारी के मुताबिक, गंभीर ने भारत-पाक मैच को लेकर काफी कुछ कहा था. उन्होंने उस मैच के ना होने की वकालत की थी. पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाकर गंभीर के उसी ढोंगीपने पर पर्दा डाला गया है.
इतना बड़ा झूठ क्यों बोला?
भारत के लिए 12 वनडे और 3 T20I मुकाबले खेल चुके मनोज तिवारी ने एक और बात कही, जिसकी जब हमने पड़ताल की तो वो झूठ साबित हुई. उन्होंने भारत के T20 कप्तान सूर्यकुमार यादव पर अटैक करते हुए कहा कि अगर वो एशिया कप 2025 की ट्रॉफी अनावरण के वक्त पाकिस्तानी कप्तान से हाथ मिला सकते हैं तो फिर मैच के दौरान क्यों नहीं? हालांकि, जब हमने ट्रॉफी अनावरण के वीडियो और फोटो देखे तो हमें वैसी कोई चीज नहीं मिली, जिससे ये पता चल सके कि सूर्यकुमार यादव ने तब पाक कप्तान सलमान आगा से हाथ मिलाया था. TV9 हिंदी ने ट्रॉफी अनावरण के समय इस पर अलग से एक स्टोरी भी की थी.
भारत-पाक मैच सरकार का फैसला
मनोज तिवारी उन लोगों में शामिल रहे हैं, जिन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच मुकाबले के ना होने का विरोध किया है. एशिया कप में होने वाली टक्कर को लेकर भी उन्होंने कहा था कि ये नहीं होना चाहिए. लेकिन, सच्चाई ऐसी है कि ये फैसला ना तो टीम इंडिया के खिलाड़ियों का है, ना BCCI का. मैच खेलने का फैसला भारत सरकार का है. भारतीय टीम तो बस उसे फॉलो कर रही है. लेकिन, जितनी दूरी बनाए रखना पाकिस्तान से उनके हाथ में है, उसे वो बखूबी अंजाम दे रहे हैं.