इंजीनियरिंग स्टूडेंट से वर्ल्ड चैंपियन तक का सफर, 22 की उम्र में रचा इतिहास

नई दिल्ली: 22 साल की उम्र अच्छे-अच्छों को ये समझने में बीत जाती है कि जीवन में करना क्या है? मगर उसी उम्र में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले एक लड़के ने इतिहास रचा है. वर्ल्ड चैंपियन बनकर भारत का नाम रोशन किया है. चीन में उसके दम से भारत का राष्ट्रगान बजा है तो इसलिए क्योंकि उसने वहां चल रही स्पीड स्केटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीता है. वर्ल्ड चैंपियनशिप जैसे बड़े मंच पर स्केटिंग का गोल्ड जीतने वाले 22 साल के आनंदकुमार वेलकुमार पहले भारतीय बन गए हैं. कमाल पर कमाल ये है कि स्पीड स्केटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप के सीने पर अपनी शानदार कामयाबी की सुनहरी स्क्रिप्ट लिखने के लिए आनंदकुमार वेलकुमार ने इंजीनियरिंग डे को चुना. इस भारतीय इंजीनियर ने 15 सितंबर को हुए इवेंट में गोल़्ड मेडल अपने नाम किया.

आनंदकुमार वेलकुमार बने स्केटिंग में वर्ल्ड चैंपियन
चीन में परचम लहराकर पूरी दुनिया को भारत के दम से रूबरू कराने वाले आनंदकुमार वेलकुमार ने कम्प्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई है. वो तमिलनाडु के पास एक छोटी सी जगह ग्यूनडी से आते हैं. 22 साल के इस इंजीनियर खिलाड़ी ने स्पीड स्केटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप के 1000 मीटर स्प्रिंट इवेंट में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. उन्होंने 1:24.924 का समय निकालकर वर्ल्ड चैंपियनशिप का ताज अपने सिर पर पहना.

वर्ल्ड चैंपियनशिप में 2 मेडल किए अपने नाम
स्पीड स्केटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में आनंदकुमार वेलकुमार का ये दूसरा मेडल रहा. गोल्ड मेडल जीतने के एक दिन पहले ही उन्होंने स्केटिंग के 500 मीटर स्प्रिंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता था, जो कि सीनियर लेवल पर इस खेल में भारत का पहला वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल था.

जूनियर कैटेगरी में कृष शर्मा बने वर्ल्ड चैंपियन
22 साल के आनंदकुमार वेलकुमार से पहले कृष शर्मा ने भारत को जूनियर स्केटिंग इवेंट के 1000 मीटर स्प्रिंट में गोल्ड जीता था. ऐसा कर कृष भी जूनियर लेवल पर गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने थे. इस तरह भारत ने स्पीड स्केटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप के 1000 मीटर स्प्रिंट में जूनियर और सीनियर दोनों ही इवेंट का गोल्ड अपने नाम किया है.