उज्जैन : श्री महाकालेश्वर मंदिर में कर्मचारियों, पुजारी-पुरोहितों की नियुक्तियों पर विवाद. नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट की इंदौर खण्डपीठ में याचिका दायर की गई है. याचिका को न्यायालय ने भी संज्ञान में लिया था. इस बारे में हाई कोर्ट ने मंदिर समिति से 3 माह के अंदर जवाब मांगा था, जो पूरा हो गया है.
कोर्ट मे याचिकाकर्ता ने क्या दलीलें दी
याचिकाकर्ता सारिका गुरु का कहना है "महाकाल मंदिर में कर्मचारियों, पुजारी-पुरोहितों की नियुक्तियों को लेकर कोई सूचना मंदिर समिति ने कभी सार्वजनिक रूप से जारी नहीं." उज्जैन की सारिका गुरु ने 16 जून को हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा था "श्री महाकाल मंदिर मे 306 कर्मचारियों व श्री महाकाल मंदिर परिसर में ही 40 अलग-अलग मंदिर हैं, जिनके पुजारी पुरोहितो(प्रतिनिधियो) की नियुक्तियां अवैध रूप से की गईं. कभी कोई विज्ञप्ति इसके लिए जारी नहीं हुई.
"मंदिर परिसर में 19 मंदिरों पर दो व्यक्तियों का कब्जा"
याचिकाकर्ता के पति जयराम चौबे ने कहा "1982 से लेकर अवैध नियुक्तियों का सिलसिला जारी है, 6 बार कलेक्टर को हमने आवेदन दिए. कोई सुनवाई नहीं. इसलिए न्यायालय की शरण में जाना पड़ा. मंदिर में दो पुजारियों ने कब्जा कर रखा है, जबकि 1 मंदिर में एक ही पुजारी होना चाहिए. इन्होंने इन मंदिरों में अपने अपने परिवारजनों को प्रतिनिधि बनाकर अवैध रूप से पूजन पाठ की जिम्मेदारी सौंपी है. मंदिर में नियुक्त कई कर्मी और पुजारी पुरोहितों की ना योग्यता देखी गई और न ही पुलिस वेरिफिकेशन हुए."
याचिकाकर्ता ने आरटीआई के जरिये किया खुलासा
जयराम चौबे ने बताया "सारिका ने आरटीआई के जरिए जानकारी निकाली. इसमें पता चला कि पुजारी-पुरोहित और मंदिर के कर्मचारियों की नियुक्ति आखिर कैसे हुई. मंदिर परिसर में ही 40 मंदिरों में पुजारी पुरोहितों की नियुक्तियां 300 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए जवाब मांगा गया. पूछा गया इसके लिए क्या कभी विज्ञप्ति जारी की गई. क्या कभी कोई सार्वजनिक रूप से मैसेज दिया गया? मंदिर समिति की ओर से गोपनीय दस्तावेज होने का हवाला दिया गया और जानकारी नहीं दी गई. इसके बाद राज्य सूचना आयोग में अपील की."
अखिल भारतीय पुजारी महासंघ भी मैदान में
अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा "महाकाल मंदिर में नियुक्त पंडे-पुजारी और कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध बताने वाली याचिका के मामले में श्री महाकालेश्वर: मंदिर समिति अपने स्तर पर जवाब प्रस्तुत करेगी. यह भी ज्ञात हुआ है कि पूर्व में भी ये याचिकाकर्ता और इसके पति ऐसी पिटिशन उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में दायर कर चुके हैं. हमे बाबा महाकाल और न्याय व्यवस्था पर पूर्ण विश्वास है."
जानिए मंदिर के 16 पुजारी और 22 पुरोहितों के नाम
पुजारी घनश्याम शर्मा, कमल शर्मा, दिनेश त्रिवेदी, राजेश शर्मा, विजय शर्मा, श्री राम शर्मा, गणेश नारायण शर्मा, संजय शर्मा, गौरव शर्मा, विजयशंकर शर्मा, दिलीप शर्मा, अजय शर्मा, कैलाश शर्मा, अमर शर्मा, महेश शर्मा, एवं स्व. शांति कुमार पुजारी हैं. गोपाल शर्मा, दीपक शर्मा, गोपाल व्यास, विश्वास कराड़कर, विपुल चतुर्वेदी, शरद चंद्र व्यास, विनोद व्यास, राधेश्याम शास्त्री, कौशल व्यास, सुभाष शर्मा, चंद्र शेखर शर्मा, बालकृष्ण जोशी, अजय शर्मा, नीरज शर्मा, विजय उपाध्याय, लोकेंद्र व्यास, अशोक शर्मा, दीपक भट्ट, मुकेश शर्मा एवं स्व सूर्य नारायण जोशी, स्व रवी पंडित, स्व गणेश नारायण पुरोहित हैं.