नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) की राजनीति में तापमान बढ़ गया है, क्योंकि बीजेपी (BJP) ने शुक्रवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) की चार में से एक सीट जीत ली और यह जीत उसे पार्टी के बाहर के चार विधायकों (MLA) के समर्थन से मिली। इस परिणाम ने घाटी में राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने अपने विधायकों पर क्रॉस-वोटिंग के आरोपों से इनकार किया है, हालांकि पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने यह कहकर हलचल मचा दी कि बीजेपी ने चुनाव से पहले एनसी से संपर्क किया था। वहीं, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का कहना है कि 4-0 की जीत की कोशिश थी, लेकिन कुछ लोगों ने साथ छोड़ दिया।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी क्लीन स्वीप नहीं कर पाई क्योंकि कुछ लोगों ने पीठ में छुरा घोंपा। उन्होंने कहा, “3-1 का स्कोर बुरा नहीं है। हम 4-0 जीतना चाहते थे, लेकिन कुछ लोगों ने आखिरी वक्त में हमें धोखा दिया।” उन्होंने यह भी कहा कि सभी जानते हैं किसने धोखा दिया, लेकिन नाम बताना उचित नहीं होगा। सीएम ने स्पष्ट किया कि एनसी के किसी विधायक ने क्रॉस-वोटिंग नहीं की, सभी ने अपनी मतदान पर्चियां पार्टी एजेंट को दिखाईं।
उमर ने कांग्रेस और अन्य सहयोगियों को धन्यवाद दिया, लेकिन उन्होंने महबूबा मुफ्ती की पीडीपी का नाम नहीं लिया, जिससे संदेह बना हुआ है। उन्होंने पीपल्स कॉन्फ्रेंस (PC) प्रमुख सज्जाद लोन पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने वोटिंग से दूरी बनाकर बीजेपी की मदद की और अब हमें उपदेश दे रहे हैं जैसे प्रोफेसर हों।
सज्जाद लोन ने पलटवार करते हुए कहा, “सारी क्रॉस-वोटिंग एनसी ने की। उमर अब्दुल्ला बीजेपी के सबसे बड़े समर्थक हैं। राज्यसभा चुनाव बीजेपी और एनसी के बीच फिक्स था। पहले से तय था कि एनसी को तीन सीटें और बीजेपी को एक।” बीजेपी ने इस बार अपने 28 विधायकों की संख्या से चार वोट ज्यादा पाकर जीत दर्ज की। यह अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहला राज्यसभा चुनाव था।
बीजेपी की जीत के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “लोग कुछ भी कहेंगे, लेकिन हमने बीजेपी को कोई सीट गिफ्ट नहीं की। वे हमारे पास आए थे और एक सीट मांगी थी। हमने इनकार कर दिया और लड़ाई जारी रखी।” इस बयान पर सज्जाद लोन ने कहा कि यह खुद एनसी और बीजेपी के बीच संपर्क होने की स्वीकारोक्ति है। उन्होंने कहा, “इसका मतलब है दोनों पार्टियों के बीच बातचीत चल रही थी। वही तो हम कह रहे थे कि पूरा मैच पहले से तय था।”
जेल में बंद आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक ने बयान जारी कर कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के व्यापक हित में एनसी को वोट दिया, हालांकि पार्टी ने उनसे संपर्क नहीं किया था। उन्होंने कहा कि अब एनसी के कुछ नेता उन्हें बीजेपी को वोट देने का झूठा आरोप लगाकर निशाना बना रहे हैं।
आपको बता दें कि राज्यसभा चुनावों में बीजेपी की अप्रत्याशित जीत न केवल संख्याबल से परे जाकर हुई, बल्कि उसने विपक्षी दलों में अविश्वास और आरोप-प्रत्यारोप की नई लहर भी पैदा कर दी है। इस नतीजे के बाद घाटी की सियासत में नए समीकरणों की शुरुआत हो सकती है।
