प्रियांक खड़गे पर असम भाजपा का तंज……हेलो, टेडी बॉय निबंध लिखने से आप सेमीकंडक्टर विशेषज्ञ नहीं बन सकते

बेंगलुरु। कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे द्वारा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर तंज कसने के बाद कांग्रेस नेता को राज्य के प्रतिभा भंडार पर सवाल उठाने के लिए बेवकूफ कहने पर वाकयुद्ध छिड़ा हुआ है। जवाब में, असम भाजपा इकाई ने आईटी मंत्री खड़गे का मजाक उठाकर चुटीला तंज हेलो, टेडी बॉय कहा और कहा कि सोशल मीडिया पर लंबे निबंध लिखने से विशेषज्ञ नहीं बन जाते। दरअसल यह विवाद सोमवार को तब शुरू हुआ जब प्रियांक खड़गे ने कथित तौर पर बताया कि उनके राज्य के लिए होने वाले सेमीकंडक्टर निवेश को केंद्र द्वारा बाधित करने बाद गुजरात और असम की ओर मोड़ दिया जा रहा है।
खड़गे ने दावा किया, सेमीकंडक्टर उद्योग असम और गुजरात क्यों जा रहे हैं, जबकि वे वास्तव में बेंगलुरु आना चाहते हैं? कर्नाटक के लिए होने वाले सभी निवेशों को केंद्र दवारा बाधित किया जा रहा है। इसके जवाब में, सीएम हिमंत सरमा ने उन्हें बेहतरीन मूर्ख कह कर कहा कि कांग्रेस मंत्री की टिप्पणी असम के शिक्षित, युवा लोगों का अपमान है। सीएम सरमा ने कहा कि उनकी सरकार खड़गे के खिलाफ मामला दर्ज करने पर विचार कर रही है। 
इसके बाद कर्नाटक के मंत्री खड़गे ने सीएम सरमा पर अपने बयानों को राजनीतिक रंग देकर अपनी असफलताओं को छिपाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस बात पर विचार करना चाहिए कि युवा लोग काम की तलाश में पूर्वोत्तर राज्य क्यों छोड़ रहे हैं।
प्रिंयाक खड़गे ने कहा कि कैसे सेमीकंडक्टर कंपनियों पर गुजरात और असम में स्थापित होने का दबाव डाला जा रहा था, जबकि उन्होंने हमारी इंजीनियरिंग प्रतिभा और स्थापित पारिस्थितिकी तंत्र के कारण कर्नाटक में दिलचस्पी  दिखाई थी… श्री सरमा केवल अपनी संपत्ति ही बढ़ा पाए हैं। हर बड़ा घोटाला या भ्रष्टाचार का मामला उनके ही दरवाजे से जुड़ा हुआ लगता है, जबकि असम के युवा बिना नौकरी या अवसरों के रह गए हैं।
खड़गे ने कहा कि असम में भाजपा के दिन अब गिने-चुने रह गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर 2026 के राज्य चुनावों के बाद कांग्रेस सत्ता में लौटती है, तब वह कौशल, रोज़गार और शासन में जनता का विश्वास फिर से बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा, हम ऐसा माहौल बनाएंगे जहाँ राज्य के हर कोने में प्रतिभाएँ फल-फूल सकें और युवा भ्रष्ट शासन और घटिया दर्जे के बदमाशों की विभाजनकारी राजनीति की गिरफ्त से मुक्त हों। आग में घी डालते हुए, असम भाजपा भी खड़गे का मज़ाक उड़ाने में कूद पड़ी।