व्यापार: बेंगलुरु स्थित ऑन-डिमांड लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म पोर्टर ने मंगलवार को छंटनी का एलान किया। कंपनी ने बताया है कि उसे अपनी लागत को तर्कसंगत बनाने के लिए कर्मचारियों की छंटनी का फैसला लेना पड़ा है। हालांकि, कंपनी ने आधिकारिक रूप से यह नहीं बताया है कि उसने कितने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के अनुसार खुद को पब्लिक कंपनी बनाने की कवायद शुरू से पहले कंपनी ने लगभग 300-350 पदों में कटौती की है।
मंगलवार को एक बयान में पोर्टर ने कहा, "हम एक ऐसे बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं जिसके लिए एकमुश्त पुनर्गठन की जरूरत थी। इसका उद्देश्य आगे की राह के लिए एक मजबूत, अधिक चुस्त और आर्थिक रूप से लचीला संगठन बनाना है। इस यात्रा के दौरान हमें कुछ कठिन फैसले लेने पड़े हैं जिनका असर हमारे कर्मचारियों पर पड़ा है। यह ऐसा फैसला है जो आसान नहीं था और इन्हें सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद लिया गया।"
मीडिया रिपोर्ट्स में सितंबर में बताया गया था कि पोर्टर मौजूदा और नए निवेशकों से 10 से 11 करोड़ डॉलर की फंडिंग हासिल करने के अंतिम चरण में है। इस तरह कंपनी में कुल निवेश करीब 30 से 31 करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा।
मई में पोर्टर ने निजी इक्विटी फर्मों केदारा कैपिटल और वेलिंगटन मैनेजमेंट से 20 करोड़ डॉलर जुटाए थे। इसके लिए कंपनी का मूल्यांकन 1.2 अरब डॉलर आंका गया था। प्रणव गोयल, उत्तम डिग्गा और विकास चौधरी की ओर से 2014 में स्थापित, पोर्टर इंट्रा-सिटी लॉजिस्टिक्स और कूरियर सेवाएं प्रदान करता है। वित्त वर्ष 2025 में पोर्टर का परिचालन राजस्व 57% बढ़कर 4,306 करोड़ रुपये हो गया और वह मुनाफे में आ गई। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 के 96 करोड़ रुपये के घाटे के मुकाबले इस वर्ष 55 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हासिल करने में सफलता पाई।
