सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्देश: ‘अदालत और एजेंसियों से न खेलें’, आरोपी के दुबई से गायब होने पर ईडी को आदेश

व्यापार: सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को महादेव सट्टेबाजी एप के फरार सह-संस्थापक का पता लगाने और उसकी मौजूदगी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। सट्टेबाजी प्रकरण का आरोपी दुबई से भागकर किसी अज्ञात स्थान पर चला गया है, जिसके बाद कोर्ट ने यह निर्देश दिया है। न्यायालय ने कहा ऐसे मामलों के आरोपी अदालतों और जांच एजेंसियों को खेल समझें, इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने आरोपी रवि उप्पल की ओर से कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचने के मामले को गंभीरता से लिया और कहा, "इससे हमारी अंतरात्मा को धक्का लगा है और अदालत को इस बारे में कुछ करना होगा।"

कथित तौर पर उप्पल दुबई से भागकर अज्ञात स्थान पर गया
भारत में कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बच रहा उप्पल कथित तौर पर दुबई से भागकर किसी अज्ञात स्थान पर चला गया है। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों ने उसके खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्यवाही बंद कर दी है। पीठ ने कहा, "उस जैसे सरगनाओं के लिए अदालतें और जांच एजेंसियां महज खेलने का साधन हैं। हमें इस बारे में कुछ करना होगा।" पीठ ने ईडी को उसे तलाशने और हिरासत में लेने का निर्देश दिया। अदालत ने मंगलवार को कहा, "हम उसकी याचिका खारिज कर देंगे। पता लगाइए कि उसे कैसे हिरासत में लिया जाए। ऐसा लगता है कि वह एक जगह से दूसरी जगह जाने में काफी कुशल है।"

ईडी के वकील बोले- लगता है उप्पल दुबई भाग गया
शीर्ष अदालत उप्पल की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के 22 मार्च के आदेश को चुनौती दी है। अदालत की ओर से उप्पल को रायपुर की निचली अदालत में लंबित धन शोधन मामले की सुनवाई में शामिल होने का निर्देश दिया गया था। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अदालत को बताया कि ऐसा लगता है कि उप्पल दुबई से भाग गया है, जहां उसे 2023 में हिरासत में लिया गया था।

राजू ने कहा कि वित्तीय अपराधों में संलिप्त आरोपी अक्सर ऐसे स्थानों पर भागने की कोशिश करते हैं, जहां भारत के साथ प्रत्यर्पण संधियां नहीं हैं। उन्होंने कहा, "आपको यूएई से प्रत्यर्पित किया जा सकता है, क्योंकि भारत की उनके साथ प्रत्यर्पण संधि है। इसलिए हो सकता है कि वह ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह जैसे स्थानों पर चला गया हो, क्योंकि भारत की उस देश के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है।"

14 नवंबर को होगी मामले में अगली सुनवाई
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 नवंबर की तारीख तय की है। उप्पल के वकील की ओर से समय मांगने पर पीठ ने कहा कि वह उसे भारत लौटने और कार्यवाही का सामना करने के लिए राजी करें। न्यायमूर्ति सुंदरेश ने कहा, "वह हर समय भागते नहीं रह सकते। उन्हें इस प्रक्रिया में भाग लेना होगा। जमानत देने के मामले में हम उदार हैं। हम उचित चरण में उनकी ज़मानत याचिका पर विचार करेंगे।"

पीठ ने राजू से कहा कि वह इस बात की जांच करें कि क्या सर्वोच्च न्यायालय के हालिया फैसले, जिसमें जांच एजेंसियों को असाधारण परिस्थितियों में आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों को बुलाने की अनुमति दी गई है, का उपयोग कानून से फरार लोगों का विवरण प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने उप्पल के वकील से कहा कि इस मामले में अब और समय नहीं दिया जाएगा।

गिरफ्तारी के बाद रिहाकर उप्पल को निगरानी में रखा गया था
उप्पल को इंटरपोल रेड नोटिस के कारण दिसंबर 2023 में दुबई में हिरासत में लिया गया था। उसके बाद महादेव सट्टेबाजी एप मामले की जांच कर रही ईडी ने 2024 में यूएई अधिकारियों को पत्र लिखकर प्रत्यर्पण कार्यवाही शुरू की थी। यूएई के अधिकारियों ने बाद में उप्पल को रिहा कर दिया था लेकिन उन्हें निगरानी में रखा गया था।

एजेंसियों के अनुसार, उप्पल ने अपने सहयोगी सौरभ चंद्राकर के साथ मिलकर 2018 में महादेव सट्टेबाजी एप शुरू की थी। यह एप कई प्लेटफार्मों और एप्स को ऑनलाइन गेम पर अवैध दांव लगाने की सुविधा देता था। जांच एजेंसियों ने दावा किया है कि यह घोटाला 6,000 करोड़ रुपये का है और देश के अलग-अलग राज्यों में फैला है।

उप्पल के सहयोगी चंद्राकर को अक्तूबर 2024 में दुबई में गिरफ्तार किया गया था और उनके खिलाफ प्रत्यर्पण अनुरोध भी अभी लंबित है। छत्तीसगढ़ पुलिस की शुरुआती जांच के आधार पर इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी आरोपी बनाया गया था और आगे की जांच के लिए मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया था।