सई मांजरेकर का खुलासा — “पापा महेश मांजरेकर हर सफर में साथ रखते हैं लहसुन की चटनी”

मुंबई: बातचीत के दौरान अभिनेत्री ने अपने पापा से विरासत में मिली एक अनोखी ट्रैवल हैबिट भी साझा की। इसके अलावा उन्होंने बताया कि यात्राओं के उनके लिए क्या मायने हैं? वे क्या सीखती हैं। पढ़िए बातचीत के कुछ प्रमुख अंश:

'लाइट्स बंद कर आसमान देखा तो नॉर्दर्न लाइट्स रंग बिखेर रही थीं'
फिनलैंड ठंडा और शांत देश है, शायद इसी सुकून ने वहां जाने की प्रेरणा दी। उस वक्त मेरी जिंदगी में बहुत कुछ चल रहा था, इसलिए चाहती थी कुछ पल सिर्फ शांति में बिताऊं और खुद से जुड़ सकूं। वहां पहुंचकर जो महसूस किया, वह उम्मीद से कहीं ज्यादा खूबसूरत था। सादगी भरी सड़कें, स्वच्छता और लोगों ने मन जीत लिया। हर कोई मददगार और विनम्र था, हर जगह अपनापन महसूस हुआ, ऐसा जो ठंडे मौसम में भी दिल को गर्मी दे गया। सबसे यादगार पल वो था जब हम ग्लास इग्लू में थे। लाइट्स बंद कर आसमान देखा तो नॉर्दर्न लाइट्स रंग बिखेर रही थीं। तभी एक शूटिंग स्टार गुजरा, हमने आंखें बंद कर इच्छाएं मांगीं। घड़ी में 11:11 बजे थे। वो कुछ सेकंड का पल मेरे लिए हमेशा के लिए जादू बन गया।

'चाहती हूं कि हर सफर मुझे मेरे बेहतर वर्जन के करीब ले जाए'
मेरे लिए ट्रैवल का मतलब है अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना। मैं जब भी ट्रैवल करती हूं तो कभी आराम को प्राथमिकता नहीं देती। मैं चाहती हूं कि जगह का हर कोना देखूं, हर एहसास जी लूं, चाहे थोड़ा मुश्किल ही क्यों न हो। मेरे लिए यह जानना जरूरी है कि मेरा शरीर कितना स्ट्रॉन्ग है, मेरा मन कितना शांत है। मैं चाहती हूं कि हर सफर मुझे मेरे बेहतर वर्जन के करीब ले जाए।

'परिवार के साथ ट्रैवल करने से रिश्ते और गहरे हो जाते हैं'
बचपन में हम अक्सर फैमिली वेकेशन्स पर जाते थे। मां, पापा, बहन, भाई, सबकी अपनी पसंद होती थी, अपने विचार होते थे। लेकिन उसी में हमने प्यार और एडजस्टमेंट सीखा। मुझे लगता है परिवार के साथ ट्रैवल करने से रिश्ते और गहरे हो जाते हैं, इसलिए आज भी उनके साथ किया हर सफर मेरे लिए खास होता है।

'पापा हमेशा अपनी जेब में लहसुन की चटनी रखते हैं'
एक चीज जो मैंने अपने पापा से सीखी है, वो हमेशा याद रहती है। वो जब भी इंडिया के बाहर जाते हैं, तो अपनी जेब में लहसुन की चटनी रखते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि बाहर का खाना फीका होता है। और अब मैंने भी यह आदत उनसे ले ली है। मैं हमेशा अपने बैग में कुछ न कुछ तीखा रखती हूं, कभी मिर्ची, कभी टबैस्को या फिर कोई चटनी। शायद ये सिर्फ स्वाद नहीं बल्कि अपनेपन की एक छोटी सी याद है जो मैं अपने साथ रखती हूं।

'मेरे लिए ट्रैवल सिर्फ एक ब्रेक नहीं, बल्कि एक नई दृष्टि है'
मुझे लगता है कि काम और ट्रैवल मेरे लिए एक-दूसरे से बहुत जुड़े हुए हैं। जब मैं नई जगहों पर जाती हूं, नए लोगों से मिलती हूं और नए कल्चर देखती हूं, तो मेरा दिमाग और विजन दोनों खुल जाते हैं। रोजमर्रा की भागदौड़ से बाहर निकलकर जब मन को शांति मिलती है, तभी असली क्रिएटिविटी आती है। इसलिए मेरे लिए ट्रैवल सिर्फ एक ब्रेक नहीं है बल्कि वो वक्त है जब मैं खुद को और दुनिया को एक नए नजरिए से देख पाती हूं।

'उस रात के तारे अब भी यादों में चमकते हैं'
अगर फिनलैंड से मुझे कोई एक एहसास भारत लाना हो, तो वो वहां का आसमान होगा। रात को जब आप ऊपर देखते हैं तो इतने तारे दिखते हैं कि पूरा मिल्की वे साफ-साफ नजर आता है। वो नजारा इतना खूबसूरत था कि लगा जैसे पूरा ब्रह्मांड आपके सामने झुक गया हो। उस रात का सुकून, वो ठंडी हवा, वो चमकते तारे, शायद वही मैं भारत लाना चाहूंगी। वो एहसास जो दिल को भीतर तक शांत कर दे।