Bihar चुनाव में NDA गदगद: चिराग और कुशवाहा की वापसी से पहले चरण में हो सकता है गेम बदल

नई दिल्‍ली । बिहार(Bihar) में पहले चरण(First steps) के लिए गुरुवार को जिन क्षेत्रों में मतदान(voting) होना है, वहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) पिछली बार महागठबंधन (MGB) से पिछड़ गया था। इस बार NDA को अपने मजबूत हुए गठबंधन और कल्याणकारी योजनाओं की अपील पर भरोसा है ताकि वह इन क्षेत्रों में अपनी स्थिति को पलट सके। 2020 के पिछले विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाले विपक्ष ने पहले चरण में पड़ने वाली 121 सीटों में से 61 सीटें जीती थीं, जबकि NDA को 59 सीटें मिली थीं। शाहबाद क्षेत्र और पटना, भोजपुर, सारण और सीवान जैसे प्रमुख जिलों में महागठबंधन का प्रदर्शन मजबूत रहा था।

पिछले चुनाव में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) और उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली रालोसपा (RLSP) अलग-अलग चुनाव लड़ी थीं। इससे बेगूसराय और बक्सर सहित कई निर्वाचन क्षेत्रों में MGB को बढ़त मिली थी। अब, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा दोनों की NDA में वापसी हो गई है, जिससे गठबंधन के नेताओं का मानना है कि उनका सामाजिक गठबंधन काफी मजबूत हुआ है।

कुशवाहा समुदाय का समर्थन

उपेंद्र कुशवाहा की एनडीए में वापसी और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के भाजपा में उदय ने कुशवाहा समुदाय के मनोबल को बढ़ाया है। कुशवाहा बिहार की आबादी का लगभग 4.2% हैं और यादवों के बाद दूसरा सबसे बड़ा ओबीसी समूह हैं।

NDA नेताओं को सरकार की कल्याणकारी पहलों के प्रभाव पर भी भरोसा है, जिसमें सबसे प्रमुख है 1.3 करोड़ से अधिक महिलाओं को 10,000 की नकद राशि का हस्तांतरण। उन्हें उम्मीद है कि ये योजनाएं मतदाताओं को प्रभावित करेंगी।

2020 कैसा था प्रदर्शन

पटना, भोजपुर, बक्सर, सारण, सीवान और बेगूसराय के 50 सीटों में महागठबंधन ने 2020 में 35 सीटें जीती थीं। सीपीआई-एमएल (लिबरेशन) का विभिन्न जातियों के गरीबों के बीच मजबूत आधार है। इसने महागठबंधन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एक भाजपा नेता के अनुसार, गठबंधन इन जिलों के साथ-साथ मगध और शाहबाद क्षेत्रों में भी बड़ी वापसी की उम्मीद कर रहा है।

गृह मंत्री अमित शाह का दावा

गृह मंत्री अमित शाह का यह दावा कि NDA की संख्या 2020 के 125 सीटों से बढ़कर 160 से अधिक हो जाएगी, इसी विश्वास से उपजा है कि वे उन क्षेत्रों में अपना प्रदर्शन सुधारेंगे जो पहले महागठबंधन के पक्ष में थे।