नई दिल्ली । चेन्नई(Chennai) से सटे कांचीपुरम स्थित प्राचीन श्री वरदराज पेरुमल मंदिर(Sri Varadaraja Perumal Temple) में चोरी का मामला गरमाया हुआ है। हालांकि, मंदिर के प्रबंधन ने शुक्रवार को इस बात से इनकार किया कि छत पर अंदर उकेरी गई सोने और चांदी से बनीं छिपकलियां गायब हो गई हैं। चेन्नई से लगभग 79 किलोमीटर दूर स्थित यह प्रसिद्ध वैष्णव मंदिर हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। मंदिर की यात्रा सोने और चांदी की छिपकलियों को छुए बिना अधूरी मानी जाती हैं।
मंदिर के एक कार्यकर्ता ने यह आरोप लगाया था कि मंदिर के जीर्णोद्धार के दौरान सोने और चांदी से बनी छिपकलियों को हटा दिया गया था। उनकी जगह कथित तौर पर नई छिपकलियां उकेरी गई थीं। हालांकि, मंदिर प्रबंधन ने कहा कि छिपकलियां अपने-अपने स्थान पर हैं। मंदिर के कार्यकारी अधिकारी ने कहा, ‘छत पर उकेरी गईं छिपकलियों को न तो हटाया गया है और न ही बदला गया है। एक कार्यकर्ता ने झूठा और बेबुनियाद आरोप लगाया है। मंदिर प्रशासन उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा।’
छिपकलियों को लेकर क्या है मान्यता
मंदिर के एक सूत्र के अनुसार ये 2 छिपकलियां ऋषि गौतम के दो शिष्यों की प्रतीक हैं, जिन्हें अपने दोषों के कारण छिपकली बनने का श्राप मिला था। भगवान विष्णु ने उन्हें श्राप से मुक्ति दिलाई थी। सूत्र ने बताया, ‘मंदिर में आने वाले श्रद्धालु छिपकलियों को छूकर भगवान से सौभाग्य और दोषमुक्त जीवन के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।’ इसी मंदिर में अंजीर की लकड़ी से बनी भगवान विष्णु की दस फुट लंबी मूर्ति ‘अथि वरधर’ मंदिर के कुंड के अंदर स्थापित है। श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए इन मूर्तियों को 40 वर्षों में एक बार जल से बाहर निकाला जाता है। आखिरी बार इस मूर्ति को 2019 में जल से बाहर निकाला गया था।
