प्रतापगढ़: यूपी के प्रतापगढ़ जिले में कुख्यात ड्रग्स तस्कर राजेश मिश्रा के घर से नोटों का जखीरा मिलने के बाद हर किसी का ध्यान इस ओर चला गया। पुलिस टीम ने करीब 20 घंटे तक नोटों की गिनती की। 10, 50 और 100 के नोटों को गिनने के लिए चार मशीनें मंगाई गईं। घर की आलमारियों और पन्नियों में रखी करीब दो करोड़ रुपये की नकदी इकट्ठा की गई है। नोट गिनते हुए पुलिसकर्मियों का वीडियो वायरल होते ही लोग हैरान रह गए। सोशल मीडिया पर प्रतापगढ़ के तेज-तर्रार पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर के साहसिक ऑपरेशन की सराहना शुरू हो गई है। आईपीएस दीपक भूकर वही अफसर हैं जिन्होंने प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ गैंग के नेटवर्क का मटियामेट कर दिया था।
दीपक भूकर ने दो महीने पहले ही प्रतापगढ़ जिले की कमान संभाली है। उनकी पोस्टिंग होते ही यहां अपराध पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। मानिकपुर पुलिस को सूचना मिली कि तस्कर राजेश मिश्रा जेल में रहते हुए अपनी पत्नी और बच्चों के माध्यम से नशे का कारोबार धड़ल्ले से चला रहा है। एसपी दीपक भूकर ने खुद पूरे ऑपरेशन का ब्लूप्रिंट तैयार किया। ड्रोन और टेक्निकल सर्विलांस से लोकेशन ट्रैक की गई। जब सब कुछ पुख्ता कर लिया गया तब 8 नवंबर की सुबह पुलिस टीम राजेश मिश्रा के दरवाजे पर पहुंची। अंदर से आवाज आई कि घर में केवल महिलाएं हैं पर पुलिस को सच्चाई मालूम थी। दरवाजा तोड़कर टीम घर के अंदर घुस गई। इसके बाद तस्कर गिरोह का भांडा फूट गया।
कुर्सी पर बैठकर अपने सामने करवाई नोटों की गिनती
एसपी दीपक भूकर मौके पर पहुंचे और अपनी निगरानी में नोटों की 20 घंटे तक गिनती करवाई। इसी पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवाई गई। इसके बाद बैंक में पैसे जमा करा दिए गए। एसपी की टीम ने एएसपी पश्चिमी बृजनंदन राय, सीओ कुंडा अमरनाथ गुप्ता और मानिकपुर थाना पुलिसकर्मी शामिल रहे। दीपक भूकर का कहना है कि वह प्रतापगढ़ जिले में नशे का कारोबार पूरी तरह खत्म कर देंगे। ये अपराधी न केवल समाज को जहर बेचते हैं बल्कि आने वाली पीढ़ियों को बर्बाद करते हैं।
उन्नाव में चलाया था ऑपरेशन लंगड़ा
दीपक भूकर प्रतापगढ़ से पहले उन्नाव के एसपी थे। वहां उन्होंने बदमाशों के खिलाफ ऑपरेशन लंगड़ा चलाया था। उनकी 371 दिनों की तैनाती के दौरान 33 मुठभेड़ हुए और 42 अपराधियों को पैर में गोली मार लंगड़ा कर दिया गया। लगभग एक साल के कार्यकाल में उन्होंने 43 अपराधियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की। 272 लोगों पर गुंडा एक्ट लगाया। साथ ही 169 गैंगस्टरों की संपत्ति कुर्क करवाई।
अतीक गैंग का साम्राज्य ध्वस्त किया
2016 बैच के आईपीएस दीपक भूकर की पहली पोस्टिंग जौनपुर में हुई थी। फिर मुरादाबाद के एएसपी बने। 2021 में हापुड़ का एसपी नियुक्त हुए। इसके बाद उनकी तैनाती प्रयागराज में हुई। वह अतीक अहमद और अशरफ गैंग के खिलाफ कार्रवाई कर चर्चा में आए। वकील उमेश पाल के दो हत्यारों को उनकी टीम ने ढेर किया था। उनके नेतृत्व में अतीक अहमद की 180 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। गरीबों के नाम पर खरीदी गई जमीनों का पर्दाफाश कर उन्हें सरकारी संपत्ति घोषित कराया। दीपक भूकर ने अतीक गैंग के फाइनेंसरों, मुखबिरों और छिपने के ठिकानों पर लगातार छापेमार कर पूरे नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया।
आईआरएस अफसर हैं पत्नी अदिति मोर
दीपक भूकर का जन्म 28 जुलाई, 1986 को हरियाणा के झज्जर जिले के गांव गौरिया में हुआ। उनके पिता नरेंद्र पाल सिंह ने भारतीय सेना में 17 सालों तक सेवा दी। इसके बाद वह इंटर कॉलेज में प्रवक्ता रहे। मां आशा देवी गृहणी हैं। दीपक ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीएससी और एमएससी किया है। 2019 में उनकी शादी आईआरएस अफसर अदिति मोर से हुई।
