भूपेंद्र सिंह का अपनी ही पार्टी के नेता पर निशाना, बोले- अवसरवादी राजनीति लोकतंत्र के लिए घातक

सागर: वैसे तो बुंदेलखंड के दिग्गजों की जंग उजागर है. किसी ना किसी बहाने ये भाजपाई दिग्गज एक दूसरे पर निशाना साधते रहते हैं. हालांकि कभी सीधे तौर पर निशाना साधते हैं, तो कभी अपने बयानों के जरिए नाम लिए बिना ये काम किया जाता है. अब पूर्व गृहमंत्री और भाजपा विधायक भूपेन्द्र सिंह का बयान भारी चर्चा बटोर रहा है. जो दीपावली मिलन के कार्यक्रम में उन्होंने दिया. उन्होंने अवसरवादी राजनीति पर हमला करते हुए इसे लोकतंत्र के लिए घातक बताया.

हालांकि इसमें उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन राजनीतिक गलियारों से लेकर चौक चौराहों पर उनके बयानों के मायने निकालने का काम जारी है. माना जा रहा है कि ये निशाना उन नेताओं पर साधा गया है, जो सत्ता के सुख के लिए अपने दलों को छोड़कर दूसरे दलों में चले जाते हैं.

अवसरवादी राजनीति को बताया लोकतंत्र को घातक

 

नगर निगम एमआईसी सदस्य राजकुमार पटेल और उमेश यादव ने नगर निगम के बाघराज वार्ड में दीपावली मिलन समारोह का आयोजन किया था. जहां पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे. कार्यक्रम में उन्होंने समाज और संस्कृति पर तो चर्चा की, लेकिन राजनीति पर भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि "राजनीति सभी के भविष्य का निर्णय करती है. हमारे वोट से अगर अयोग्य व्यक्ति चुन कर आता है, तो खामियाजा पूरे समाज को उठाना पड़ता है. इसलिए हमेशा चरित्रवान और सेवाभावी जनप्रतिनिधि चुनिए, क्योंकि राजनीति सेवा और जनकल्याण का माध्यम है.

इसके बाद उन्होंने कहा कि अवसरवादी राजनीति का प्रभाव देश, समाज और परिवार पर पड़ता है और ये लोकतंत्र के लिए घातक है. अवसरवादी राजनीति में नैतिकता और मूल्य नहीं होते, इसलिए इसे नकारना सभी का दायित्व है. ऐसी राजनीति लोकतंत्र को कमजोर करती है. लोकतंत्र में नागरिकों की आस्था को कम करती है. अवसरवादी राजनीति से लोकतंत्र में लोगों की आस्था धीरे-धीरे कम होती जाती है."

 

 

राजनीति में अच्छे लोग आएं आगे

हालांकि अपने वक्तव्य के दौरान उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन राजनीतिक गलियारों और चौराहों पर ये चर्चा जोर पकड़ रही है कि आखिरकार भूपेंद्र सिंह के निशाने पर कौन था. उन्होंने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि राजनीति में युवा आगे आएं, ये समय की आवश्यकता है. भ्रष्ट लोग समाज के दीमक हैं. ऐसे लोगों के हाथों में राजनीति होने से गलत फैसले होते हैं और समाज गलत दिशा में जाती है. जनता जागरूक व चरित्रवान हो,तो भ्रष्ट राजनीति अपने आप खत्म हो जाएगी. राजनीति की आत्मा सेवा है.