ऑनलाइन ठगी का पर्दाफाश, कोलकाता में 317 करोड़ रुपये के घोटाले में पवन रुइया के ठिकानों पर कार्रवाई

व्यापार: बंगाल पुलिस ने 317 करोड़ रुपये के साइबर धोखाधड़ी रैकेट का भंडाभोड़ किया है। इस मामले में 148 फर्जी कंपनियों की भूमिका सामने आई है। पुलिस ने कारोबारी पवन रुइया के घर और दफ्तरों पर छापेमारी की है।

देशभर में 1379 लोगों को बनाया गया शिकार 
पुलिस के मुताबिक, जांच में सामने आया कि देशभर में करीब 1,379 लोगों को इस साइबर फ्रॉड का शिकार बनाया गया, जिनसे कुल 317 करोड़ रुपये की ठगी की गई। यह रकम 148 फर्जी कंपनियों के बैंक खातों के जरिए भेजी गई और बाद में इन्हें कई फर्जी खातों में भेज दिया गया। साथ ही कई कंपनियों का रजिस्ट्रेशन एक ही पते पर पाया गया।

170 करोड़ रुपये को क्रिप्टोकरेंसी में बदला गया
अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि ठगे गए करीब 170 करोड़ रुपये को क्रिप्टोकरेंसी में बदला गया, ताकि पुलिस उन पैसों का ट्रैक न लगा सके।

कारोबारी पवन रुइया और उनके परिजनों का नाम शामिल
इस मामले में 5 नवंबर को बैरकपुर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर में पवन रुइया, उनके परिजनों और करीबी सहयोगियों के नाम शामिल हैं। जांच में पाया गया कि रुइया के नियंत्रण वाली कंपनियों से जुड़े 11 निदेशक देशभर की 186 अन्य कंपनियों के भी बोर्ड में हैं।

पुलिस ने कोलकाता में कई जगहों पर एक साथ छापेमारी की, जिनमें पार्क सर्कस स्थित रुइया सेंटर', 129 पार्क स्ट्रीट स्थित डनलप इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, पार्क स्ट्रीट पुलिस थाने के अंतर्गत बर्जर हाउस और बल्लीगंज स्थित रुइया के आवास समेत कई स्थान शामिल हैं।