व्यापार: जीवन बीमा उद्योग ने अक्तूबर 2025 में नई बिजनेस प्रीमियम (एनबीपी) में गिरावट दर्ज की है। यह गिरावट मुख्य रूप से हाल ही में जीवन बीमा प्रीमियम पर मिली जीएसटी छूट के कारण देखी गई है। सिस्टमैटिक्स रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, अक्तूबर में नई बिजनेस प्रीमियम में मासिक आधार पर 15 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि साल-दर-साल वार्षीक आधार पर 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
जीएसटी छूट का नतीजा उलटा देखने को मिला
निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए भी नई बिजनेस प्रीमियम में मासिक आधार पर 15 प्रतिशत की गिरावट रही, लेकिन वार्षिक आधार पर 11 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली। जानकारों के मुताबिक, यह गिरावट 22 सितंबर 2025 से लागू केंद्र सरकार की जीएसटी छूट नीति के असर के रूप में देखी जा रही है। जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटकर शून्य कर दिया गया है। इस छूट के साथ, ग्राहकों को अब अपने बीमा प्रीमियम पर जीएसटी नहीं देना होगा। हालांकि इस कदम का उद्देश्य बीमा की पहुंच और उसकी सामर्थ्य को बढ़ाना है, लेकिन आंकड़े यह बताते हैं कि नियम में बदलाव के बाद वाले महीने में प्रीमियम संग्रह की गति पर अस्थायी रूप से असर पड़ा है।
मासिक गिरावट के बावजूद वार्षिक आधार पर वृद्धि मजबूत
हालांकि मासिक गिरावट के बावजूद, वित्तीय वर्ष 2025-26 में वार्षिक आधार पर 8 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है। यह आंकड़े जीवन बीमा उद्योग को लंबी अवधि की स्थायी मांग को दर्शाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार एनुअलाइज्ड प्रीमियम इक्विवेलेंट (एपीई) के लिहाज से उद्योग का कुल एपीई अक्तूबर में मासिक आधार पर 17 प्रतिशत घटा, लेकिन वार्षिक आधार पर 21 प्रतिशत बढ़ा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी छूट की घोषणा के बाद ग्राहकों में अस्थायी उलझन के कारण अक्तूबर में नई प्रीमियम की गति धीमी हुई। हालांकि, मजबूत वार्षिक और वित्त वर्ष की अब तक की वृद्धि दर यह संकेत देती है कि जीवन बीमा उद्योग स्थिर और निरंतर विस्तार की राह पर है।
