बिहार विधानसभा चुनाव शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न हो गया है। लगभग 12 सौ से अधिक केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की कंपनियों को चुनावी ड्यूटी पर भेजा गया था। इनमें अकेले सीआरपीएफ की पांच सौ ज्यादा कंपनी, चुनावी ड्यूटी पर तैनात थी। अब कंपनियों को इनकी मूल बटालियन या तैनाती के पहले वाले स्थान पर भेजा रहा है। सीआरपीएफ की कंपनियां, जब 'गया' स्टेशन से ट्रेन में सवार हुई तो गाड़ी के कई कोचों की हालत देखकर जवान और अधिकारी दंग रह गए। कई कोच ऐसे थे, जिनकी साफ सफाई लंबे समय से नहीं हुई थी। शौचालयों में पानी की सुविधा नहीं थी। पानी के टैप टूटे हुए पड़े थे। इस बाबत सीआरपीएफ अधिकारी ने गया रेलवे स्टेशन के मैनेजर को लिखित शिकायत दी है।
सीआरपीएफ अधिकारी के शिकायती पत्र में ट्रेन संख्या 0335 अंकित है। पत्र के मुताबिक, ट्रेन के कई डिब्बों में पानी के उपकरण टूटे पड़े थे। ट्रेन के शौचालय बुरी हालत में थे। गाड़ी में पानी स्टोरेज की व्यवस्था नहीं थी। ट्रेन में कुछ कोच ऐसे भी रहे हैं, जिनकी हालत दयनीय थी। सीआरपीएफ अधिकारी ने अपने पत्र में लिखा, इस शिकायत पर बिना कोई देरी किए कार्रवाई होनी चाहिए।
सीआरपीएफ जवानों को ले जाने वाली इस ट्रेन की दुर्दशा को लेकर कई अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। कई कोचों में बिजली के उपकरण भी ठीक से काम नहीं कर रहे थे। सीआरपीएफ अधिकारी के मुताबिक, इस स्पेशल ट्रेन में कई तरह की कमियां रही हैं। रेलवे को इन कमियों को दूर करने के लिए तत्काल प्रभाव से कदम उठाना चाहिए था।
उन्होंने स्टेशन मैनेजर से आग्रह किया है, इस मामले में त्वरित गति से कदम उठाया जाए। गया के स्टेशन मास्टर अमित कुमार ने शिकायती पत्र पर अपनी टिप्पणी में लिखा, पानी के टैप को संबंधित कोच के साथ अटैच किया जा रहा है। वॉशिंग सुविधा प्लेटफार्म संख्या एक पर नहीं है। वॉशिंग, डीडीयू में होगी। साफ सफाई की व्यवस्था प्लेटफार्म पर ही हो जाएगी।
बता दें कि जून में अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा ड्यूटी पर जा रहे बीएसएफ के 1200 जवानों को जर्जर ट्रेन देने के मामले में रेलवे के कई अधिकारियों पर गाज गिरी थी। इस खबर को सबसे पहले अमर उजाला डॉट कॉम ने प्रकाशित किया था। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कैबिनेट की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि खराब रैक देने के मामले में रेलवे के चार अधिकारी सस्पेंड कर दिए गए हैं। वह स्पेशल ट्रेन छह जून को बीएसएफ जवानों को लेकर त्रिपुरा के उदयपुर रेलवे स्टेशन से जम्मू तवी स्टेशन के लिए रवाना होनी थी। ट्रेन की जर्जर हालत देखकर जवान दंग रह गए थे। ट्रेन की हालत देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे लंबे समय से इस्तेमाल ही न किया गया हो। खिड़की, दरवाजे, बिजली उपकरण व टॉयलेट, सब जर्जर हालत में थे। बीएसएफ जवानों ने अपने आला अधिकारियों को भी उक्त घटना से अवगत कराया। चार दिन बाद एनएफआर जोन ने दूसरी ट्रेन उपलब्ध कराई थी।
