नई दिल्ली। अक्टूबर में देश के सबसे अधिक महंगाई वाले पांच राज्यों (Highest Inflation Five States) में केरल (Kerala) सबसे अव्वल (Tops) है। जहां पर महंगाई दर 8.56 प्रतिशत (Inflation rate 8.56 percent) दर्ज की गई है। वहीं, जम्मू-कश्मीर (2.85), कर्नाटक (2.34), पंजाब (1.81) और तमिलनाडु (1.29%) रही है। बता दें बुधवार को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट के पीछे 22 सितंबर को गई जीएसटी कटौती (GST deduction) का भी अहम योगदान है, जिसका सही मायनों में असर अक्टूबर की महंगाई में देखने को मिला है। इस अवधि में तेल-घी, सब्जियां, फल, अंडे, अनाज, जूते-चप्पल और परिवहन सेवाओं की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई है। इन्हीं कारणों के चलते खुदरा महंगाई में सितंबर के मुकाबले 119 और खाद्य महंगाई में 269 अंकों की कमी आई है। सितंबर में सीपीआई -2.33 और सीएफपीआई 1.44 प्रतिशत दर्ज की गई थी। ग्रामीण क्षेत्र में महंगाई -0.25% रही है, जो सितंबर में 1.07 फीसदी रही थी। वहीं, शहरी में महंगाई दर 1.83 से घटकर 0.88 फीसदी पर आ गई। अक्टूबर 2025 के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट मुख्य रूप से जीएसटी में गिरावट, अनुकूल आधार प्रभाव और तेल एवं वसा, सब्जियां, फल, अंडे, जूते, अनाज और उत्पाद, परिवहन और संचार आदि की मुद्रास्फीति में गिरावट के पूरे महीने के प्रभाव के कारण है। अक्टूबर में सब्जियों की खुदरा कीमतें सालाना आधार पर 27.57 प्रतिशत नीचे थीं जबकि दालों और उसके उत्पादों के भाव 16.15 प्रतिशत तथा मसालों के भाव औसतन 3.29 प्रतिशत नीचे थे। इसके विपरीत माह के दौरान खाद्य तेलों का औसत खुदरा भाव 11.17 प्रतिशत ऊंचा था जबकि फलों की कीमतें 6.69 प्रतिशत ऊंची चल रही थीं। इस दौरान पर्सनल केयर और स्वास्थ्य संबंधी उत्पादों की खुदरा मुद्रास्फीति क्रमश: 23.88 प्रतिशत और 3.86 प्रतिशत दर्ज की गई।
जनवरी 2015 के बाद सबसे कम महंगाई
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने जनवरी 2015 में आधार वर्ष को 2010=100 से संशोधित कर 2012=100 किया था, जिसके बाद इसे लागू किया गया। इस तरह से लागू होने की तिथि के हिसाब से जनवरी 2015 के बाद महंगाई सबसे निचले स्तर पर दर्ज की गई है।
खाद्य वस्तु ओर उनकी कीमतों में गिरावट (प्रतिशत)
> सब्जियां -27.57
> दालें -16.15
> प्याज -54.31
> टमाटर -42.93
> आलू – 36.65
> तेल और घी -11
इनके दामों में हुई बढ़ोतरी
> सोना – 57.83%
> चांदी – 62.36%
ब्याज दरों में हो सकती है कटौती
लगातार चार महीने से महंगाई रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुमान चार फीसदी के लक्ष्य से नीचे बनी हुई है। इसका मतलब है कि कीमतों में कमी के बीच लोगों की जेब पर खर्चों का बोझ कम हो रहा है। ऐसी स्थिति में केंद्रीय बैंक आने वाले मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में कटौती का फैसला कर सकता है।
