व्यापार: वैश्विक बाजारों के कमजोर रुख और बिहार चुनाव के नतीजों से पहले की आशंकाओं के चलते शुक्रवार को शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी कमजोर रुख के साथ खुले। व्यापारियों ने कहा कि विदेशी पूंजी की लगातार निकासी से भी निवेशकों का मनोबल गिरा है। शुरुआती कारोबार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 303.63 अंक या 0.36 प्रतिशत गिरकर 84,175.04 अंक पर आ गया। 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 82.65 अंक या 0.32 प्रतिशत गिरकर 25,796.50 अंक पर आ गया।
सेंसेक्स की कंपनियों का हाल
सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा मोटर्स लिमिटेड का वाणिज्यिक वाहन कारोबार, इंफोसिस, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, आईटीसी, एचडीएफसी बैंक, मारुति सुजुकी इंडिया, लार्सन एंड टुब्रो और भारती एयरटेल पिछड़ गए। वहीं इटरनल, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, एक्सिस बैंक, सन फार्मास्यूटिकल्स, भारतीय स्टेट बैंक, एशियन पेंट्स, अदानी पोर्ट्स, ट्रेंट, एनटीपीसी और बजाज फाइनेंस के शेयरों में लाभ रहा।
बिहार चुनाव के नतीजों पर बाजार की प्रतिक्रिया रहेगी अस्थायी
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि आज बाजार की नजर बिहार चुनाव के नतीजों पर रहेगी। लेकिन चुनाव नतीजों पर बाजार की प्रतिक्रिया अस्थायी ही रहेगी, चाहे नतीजे कुछ भी हों। बाजार का मध्यम से लंबी अवधि का रुझान बुनियादी बातों, खासकर आय वृद्धि, से तय होगा। इस मोर्चे पर आशावाद की गुंजाइश है, जैसा कि मजबूत जीडीपी वृद्धि और आय वृद्धि में सुधार की संभावनाओं से संकेत मिलता है।
निफ्टी बड़े बाजारों में कर रहा सबसे अच्छा प्रदर्शन
विजयकुमार ने आगे कहा कि इस साल भारत का खराब प्रदर्शन लंबे समय तक जारी रहने की संभावना नहीं है। यह समझना जरूरी है कि इस साल अब तक निफ्टी के भारी खराब प्रदर्शन के बावजूद, निफ्टी पिछले पांच वर्षों की अवधि में दुनिया के बड़े बाजारों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला सूचकांक बना हुआ है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025 में कॉर्पोरेट आय में गिरावट और बढ़े हुए मूल्यांकन का इस साल बाजार पर असर पड़ा है। आगे चलकर बाजार की यह स्थिति बेहतरी की ओर बदलेगी।
एशियाई बाजारों में दिखी गिरावट
व्यापक एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट देखी गई। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 2.2 प्रतिशत, जापान का निक्केई 225 सूचकांक 1.7 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 1.4 प्रतिशत और शंघाई का एसएसई कंपोजिट सूचकांक 0.16 प्रतिशत नीचे आया। गुरुवार को अमेरिकी बाजार रात भर के सौदों में काफी हद तक गिरावट के साथ बंद हुए।
अमेरिकी शटडाउन के कारण वॉल स्ट्रीट में बनी रही अनिश्चितता
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा कि नैस्डैक में 2.3 प्रतिशत, एसएंडपी 500 में 1.7 प्रतिशत और डॉव में 1.7 प्रतिशत की गिरावट आई। यह एक महीने से अधिक समय में उनकी सबसे बड़ी गिरावट है। वॉल स्ट्रीट की कमजोरी ने इस अनिश्चितता को प्रतिबिंबित किया है कि क्या अमेरिकी इतिहास में सबसे लंबे शटडाउन के बाद प्रमुख अमेरिकी आर्थिक संकेतक जारी किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में फेडरल रिजर्व के नीति निर्माताओं ने ब्याज दरों में और कटौती के बारे में हिचकिचाहट का संकेत दिया है, जिससे दिसंबर में उधारी लागत में कमी आने की वित्तीय बाजार आधारित संभावना लगभग बराबर हो गई है।
अमेरिका में अगले महीने ब्याज दरों की कटौती की कम संभावना
वकील ने कहा कि फेडरल रिजर्व के अधिकारियों की आक्रामक टिप्पणियों से अगले महीने अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें धूमिल हो गईं, जिससे शुक्रवार को एशियाई शेयर बाजार भी वैश्विक बिकवाली में शामिल हो गए।
इस बीच, विदेशी संस्थागत निवेशक लगातार चौथे दिन शुद्ध विक्रेता बने रहे और गुरुवार को 383.68 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने अपनी खरीदारी जारी रखी और 3,091.87 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 12.16 अंकों की बढ़त के साथ 84,478.67 पर बंद हुआ। वहीं एनएसई निफ्टी भी मात्र 3.35 अंकों की बढ़त के साथ 25,879.15 पर बंद हुआ।
