भोपाल। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन की प्रचंड जीत के बाद शुक्रवार को पूरे प्रदेश में भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने खुशी मनाई. भोपाल स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में भी उत्सव का माहौल देखने को मिला, जहां राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेश प्रभारी महेंद्र सिंह और संगठन महामंत्री हितानंद ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी. इसी दौरान आयोजित बैठक में बिरसा मुंडा जयंती और पार्टी के आगामी कार्यक्रमों पर भी चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री की नीतियों ने दिलाई विजय
इस मौके पर हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास पर केंद्रित नीतियों ने बिहार में एनडीए को ऐतिहासिक विजय दिलाई है. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने भाजपा और एनडीए को प्रचंड बहुमत देकर परिवारवाद और भ्रष्टाचार की राजनीति को करारा जवाब दिया है. खंडेलवाल ने कहा कि इस जीत में मध्य प्रदेश से पहुंचे वरिष्ठ नेताओं, जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासों का भी बड़ा योगदान रहा, जिनका उन्होंने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद विष्णुदत्त शर्मा, उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, मंत्री प्रहलाद पटेल, प्रदेश उपाध्यक्ष रणवीर सिंह रावत, राहुल कोठारी, गौरव रणदीवे, प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष उषा अग्रवाल और महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष माया नारोलिया सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।
खंडेलवाल ने कांग्रेस पर साधा निशाना
खंडेलवाल ने बिहार के नतीजों के संदर्भ में विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस पार्टी, को अपने नेतृत्व पर पुनर्विचार करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी के नेतृत्व में लगातार चुनावी हार मिल रही है और बिहार की जनता ने उन्हें पूरी तरह नकार दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आरोपों की राजनीति छोड़कर आत्मचिंतन करना चाहिए, क्योंकि जनता उनसे लगातार नाराज़ होती जा रही है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में नेतृत्व ऐसा होना चाहिए जो संस्थाओं को मजबूत करे, न कि उन पर मिथ्या आरोप लगाकर देश की लोकतांत्रिक गरिमा को ठेस पहुंचाए।
प्रदेश प्रभारी ने बताई राष्ट्रवाद और विकासवाद की जीत
भाजपा प्रदेश प्रभारी महेंद्र सिंह ने कहा कि बिहार चुनाव परिणाम राष्ट्रवाद और विकासवाद की जीत का संदेश देते हैं. जनता ने कांग्रेस और आरजेडी को पूरी तरह खारिज करते हुए साफ कर दिया है कि देश में अब परिवारवाद की राजनीति स्वीकार नहीं की जाएगी।
