मैनपुरी: मध्य प्रदेश के मैनपुरी में डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से एक युवक का हाथ काटना पड़ गया. युवक का कुछ दिन पहले एक्सीडेंट हो गया था, जिसके बाद उसके भाई ने उसे एक प्राइवेट हॉस्पिटल हॉस्पिटल में भर्ती कराया. भाई का आरोप है कि प्राइवेट अस्पताल में दो डॉक्टरों ने उनके भाई का इलाज किया, लेकिन बाद में पता चला कि डॉक्टरों ने पीड़ित के हाथ की नसें गलत जोड़ दी हैं, जिस वजह से उनका हाथ काटना पड़ेगा.
मैनपुरी के सुल्तानगंज ब्लॉक के छाछा गांव के रहने वाले अशोक कुमार के भाई मेघनाथ का पिछले महीने 18 अक्टूबर को एक्सीडेंट हो गया था. इसमें मेघनाथ घायल हो गया था. घटना की जानकारी मिलते ही घायल के भाई अशोक कुमार ने मौके पर पहुंचकर मेघनाथ को एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया. हॉस्पिटल में इलाज के नाम पर उनसे 30 हजार रुपये जमा कराए गए.
अशोक कुमार ने मामले में जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह से शिकायत की. उन्होंने शिकायत करते हुए बताया कि मैंने अपने घायल भाई को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था. वहां दो लोगों ने अपने आपको डॉक्टर बताया और भाई के इलाज के लिए 30 हजार रुपये लेकर उसका इलाज शुरू किया. भाई के हाथ का ऑपरेशन हुआ और फिर 5 दिन तक अस्पताल में इलाज के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया.
अशोक कुमार ने आगे बताया कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद हम मेघनाथ को घर ले गए, लेकिन घर पहुंचने पर उसे और दिक्कत होने लगी. ऐसे में हम परेशान हो गए और हम मेघनाथ को दूसरे प्राइवेट हॉस्पिटल में ले गए. वहां डॉक्टरों ने मेघनाथ का चेकअप किया और बताया कि उसके एक हाथ की नसें गलत जोड़ दी गई हैं. डॉक्टर ने बताया कि मेघनाथ की जान बचाने के लिए उसका एक हाथ काटना पड़ेगा. अगर हाथ नहीं काटा जाता है तो मरीज के हाथ में इंफेक्शन बढ़ सकता है और जान को भी खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में युवक की जान बचाने के लिए उसका हाथ काट दिया गया. इस तरह डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से मेघनाथ को एक हाथ गंवाना पड़ा है.
