राजधानी में मच्छरों का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, लेकिन नगर निगम की तैयारियां इस बार भी कमजोर साबित हो रही हैं। पंद्रहवें वित्त आयोग की मद से मच्छर उन्मूलन और फॉगिंग के लिए निगम को 17 लाख रुपए मिले हैं, फिर भी शहरवासियों को मच्छरों के डंक से कोई राहत नहीं मिली है। शहर के कई क्षेत्रों में मच्छरों की समस्या लगातार देखी जा रही है। वार्ड के लोग कई बार संबंधित अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन हर बार केवल जल्द कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया गया।
35 हाथ चलित मशीनें खरीदेगा निगम
मच्छर उन्मूलन के लिए मिली राशि से निगम 35 छोटी हाथ चलित फॉगिंग मशीनें खरीदेगा। इन मशीनों का वितरण दस जोनों के 70 वार्डों में किया जाएगा। फिलहाल जोनों में उपलब्ध कई छोटी मशीनें खराब हैं या मरम्मत की जरूरत में पड़ी हैं।
एजेंसी को मच्छर नियंत्रण का ठेका
स्वास्थ्य विभाग के पास मौजूद दो बड़ी फॉगिंग मशीनें महीनों से खराब पड़ी हैं, जबकि एंटी-लार्वा छिड़काव भी प्रभावी रूप से नहीं हो पा रहा। निगम ने पहले दुर्ग की एजेंसी को मच्छर नियंत्रण का ठेका दिया था, लेकिन तीन माह के ट्रायल पीरियड में काम संतोषजनक नहीं मिलने पर प्रोजेक्ट बंद हो गया।अब एक बार फिर पुराने ढरें पर लौटते हुए कार्य को जोनवार बांटने का निर्णय लिया गया है। ढाई दशक से राजधानी मच्छरों की समस्या से जूझ रही है, लेकिन नगर निगम अभी तक कोई स्थायी योजना तैयार नहीं कर पाया है।
