अयोध्या। उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Goverment) ने अयोध्या (Ayodhya) को एक वैश्विक सांस्कृतिक (Global Cultural) और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल (State Cabinet) की बैठक में ‘टाटा संस’ (Tata Sons) के सहयोग से प्रस्तावित विश्वस्तरीय ‘मंदिर संग्रहालय’ का दायरा और बड़ा कर दिया है। प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि इस कदम से अयोध्या को एक नया सांस्कृतिक पहचान चिन्ह मिलेगा और बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा।
उन्होंने बताया कि यह परियोजना अयोध्या के मांझा जमथरा गांव में 25 एकड़ नजूल भूमि पर प्रस्तावित थी। लेकिन संग्रहालय की भव्यता और विश्वस्तरीय स्वरूप को ध्यान में रखते हुए टाटा संस ने अधिक भूमि की अपेक्षा की थी। अब परियोजना के लिए कुल 52.102 एकड़ भूमि आवंटित की जाएगी। इसमें पहले की 25 एकड़ नजूल भूमि शामिल है।
इसके अतिरिक्त 27.102 एकड़ भूमि और जोड़ी गई है। यह कुल 52.102 एकड़ भूमि आवास एवं शहरी नियोजन विभाग से पर्यटन विभाग के पक्ष में निःशुल्क हस्तांतरित की जाएगी, ताकि परियोजना को वृहद रूप दिया जा सके। भूमि टाटा संस को 90 वर्षों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।
