यूं तो सनातन धर्म में भक्त और भगवान की अपनी महिमा है. भगवान कई रूपों में भक्तों की मनोकामानएं पूर्ण करते हैं. वहीं बात करें कलयुग की तो कलयुग में बजरंगबली की महिमा अपरंपार है. इस रूप की अलग जगहों पर अलग मान्यताएं हैं. ऐसा ही है भागलपुर जिले का एक गांव मकंदपुर है. जिसे छोटी अयोध्या के रूप में भी जाना जाता है. वहां स्थित हनुमान जी के मंदिर की महिमा अपरंपार है. सुबह की तो छोड़िए जब आप वहां शाम में आरती के समय जाएंगे तो भक्तों की भीड़ लगी होती है. कहा जाता है कि यहां जो भी मनोकामनाएं मांगते हैं वो पूरी होती है. इसके बाद यहां पर खास चीज चढ़ाया जाता है. आइए जानते हैं इस मंदिर की क्या मान्यताएं हैं?
मनोकामना पूरी होने पर लोग चढ़ाते हैं ध्वजा
दरअसल, आपको बता दें कि इस जगह का नाम भी है बजरंगबली चौक. क्योकि यह काफी प्रसिद्ध मंदिर में से एक है. आसपास के 8 से 9 गांव के लोग यहां पूजा करने पहुंचते हैं. जब इसको लेकर मंदिर प्रबंधक विमल किशोर राय से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इस मंदिर का इतिहास करीब 100 साल के आसपास है. हालांकि मंदिर का विकास 50 वर्ष पूर्व हुआ. यहां पर लोग जो भी मुरादे सच्चे मन से मांगते हैं वो पूरी होती है. पूरी होने पर यहां लोग ध्वजा या सुंदरकांड का पाठ कराते हैं.
रोग व नौकरी की मनोकामना होती है पूरी
आपको इस मंदिर में अक्सर सुंदरकांड होते हुए मिल जाएगा. क्योंकि सप्ताह में 5 दिन अलग अलग लोग कराते रहते हैं. इतना ही नहीं इस पूरे इलाके की बात करें यानी आसपास के 10 गांव की बात करें तो आपको रोजाना कृतन भजन सुनाई देगा. इसलिए यह मंदिर खास है. प्रत्येक वर्ष इस मंदिर में करीब 250 से अधिक ध्वजा पड़ता है. खास कर रोग से सम्बंधित व नौकरी से सम्बंधित लोग मुरादे मांगते हैं और पूरी भी होती है. कहा यह भी जाता है जिसकी मुरादें पूरी होती है वो इस मंदिर में बड़े पैमाने पर मिठाई भी चढ़ाते हैं.
