चौहान ने वीबी- जी राम जी योजना के बारे में मंत्रियों को बताया, विपक्ष के झूठा का पर्दाफार्श करने की तैयारी 

नई दिल्ली। कांग्रेस द्वारा यूपीए सरकार के एमजीएनआरईजीए की जगह लागू की गई वीबी-जी राम जी योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू करने की तैयारी को लेकर ग्रामीण विकास मंत्रालय ने नई योजना प विस्तृत रिपोर्ट सभी केंद्रीय मंत्रियों को भेजी है, इसका हवाला देकर वे चुनावी और दूसरी जनसभाओं में विपक्ष का मुकाबला कर सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कैबिनेट बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों को वीबी-जी राम जी योजना की प्रमुख विशेषताओं और यह पिछली ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से कैसे ठीक है, इस बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मंत्रियों से नई योजना के प्रावधानों से पूरी तरह अवगत होने का आदेश दिया था। 
केंद्रीय मंत्री नई योजना के तहत गारंटीकृत 125 दिनों के रोजगार में वृद्धि पर प्रकाश डालने, जबकि पहले यह प्रावधान 100 दिनों का था। साथ ही, वे वेतन व्यय पर संकीर्ण जोर देने के बजाय टिकाऊ परिसंपत्तियों के निर्माण पर भी जोर दे। वे बताएंगे कि यह योजना किस प्रकार स्थानीय आजीविका के मजबूत मौके पैदा करेगी, जिससे संकटग्रस्त पलायन को कम करने में मदद मिलेगी। विपक्ष के आरोपों का खंडन करने के लिए, मंत्रियों को सूचित किया गया है कि मानक वित्तपोषण के तहत, केंद्र पूर्वनिर्धारित मानदंडों के आधार पर राज्यों को धनराशि आवंटित करती है, जिससे पूर्वानुमान, राजकोषीय अनुशासन और बेहतर बजटीय योजना होती है। इसके विपरीत, मांग-आधारित मॉडल अक्सर अनिश्चित आवंटन और राजकोषीय असंतुलन का कारण बनते हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कांग्रेस पर ग्रामीण रोजगार, ग्राम पंचायतों की शक्तियों और वीबी-जी-आरएएम जी अधिनियम के तहत श्रमिकों की सुरक्षा के बारे में गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाकर उसके आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया। जिस दिन कांग्रेस ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) को निरस्त करने के खिलाफ देशव्यापी अभियान शुरू करने की घोषणा की, उसी दिन चौहान ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल का विरोध राजनीतिक है और दावा किया कि सरकार ने मांग आधारित रोजगार को कमजोर नहीं किया है।