मंडला को मिली नई उड़ान, हेलीकॉप्टर से उड़कर गोंडी कला देखने पहुंचेंगे पर्यटक

मंडला: ग्राम पंचायत टाटरी में हेली पर्यटन सेवा का शुभारंभ किया गया. इस अवसर पर प्रभारी मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा, "मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी के विस्तार और पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. पीएम श्री हेली पर्यटन सेवा इसी क्रम की एक दूरदर्शी पहल है, जिससे पर्यटकों को त्वरित, सुगम एवं सुरक्षित यात्रा सुविधा उपलब्ध होगी. यह नागरिकों के लिए गर्व का विषय है कि प्रदेश में आधुनिक परिवहन सुविधाओं का विस्तार हो रहा है.

'स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार के अवसर'

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री संपतिया उइके ने कहा, "पीएम श्री हेली पर्यटन सेवा प्रदेश के पर्यटन मानचित्र को और अधिक सशक्त बनाएगी. यह सेवा न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी. हर समुदाय और हर वर्ग के विकास को ध्यान में रखते हुए योजनाएं प्रारंभ की हैं, जिनका लाभ प्रदेशवासियों को मिल रहा है." मंत्री श्रीमती उइके ने बताया कि "जबलपुर, कान्हा, बांधवगढ़, जबलपुर के लिए पीएम श्री हेली पर्यटन सेवा प्रारंभ की गई है. जिससे पर्यटन को नई गति मिलेगी."

'सपनों के साकार होने का प्रतीक है हेली पर्यटन सेवा'

मंत्री उइके ने कहा, "हेलीकॉप्टर सेवा से दुर्गम और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों तक पहुंच आसान होगी, जिससे प्रदेश की सांस्कृतिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलेगी." उन्होंने आगे कहा कि "बचपन में जब आकाश में वायुयान दिखाई देता था, तो उसको देखकर मन में अपार खुशी होती थी. आज वही सपना साकार होता दिखाई दे रहा है. यह क्षण केवल एक नई सेवा की शुरुआत नहीं, बल्कि क्षेत्र के विकास और सपनों के साकार होने का प्रतीक है."

गोंडी कला को होगा प्रचार-प्रसार

मंत्री उइके ने कहा, "जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से हेलीपैड के सामने एक विशेष भवन का निर्माण किया जाएगा, जहां गोंडी पेंटिंग के माध्यम से स्थानीय संस्कृति, परंपरा और कला को प्रदर्शित किए जाएंगे." इसके लिए उन्होंने विधायक निधि से 4 लाख रुपये देने की घोषणा की. मंत्री श्रीमती उइके ने गांव की महिलाओं से आह्वान किया कि वे स्थानीय उत्पाद, पारंपरिक भोजन एवं हस्तशिल्प को तैयार कर पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराएं. इससे न केवल क्षेत्र की पहचान मजबूत होगी, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए आय के नए साधन भी प्राप्त होंगे.