ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की ओर से ब्रीफिंग की वजह से चर्चा में आए लेफ्टिनेंट जनरल और डीजीएमओ राजीव घई का अब प्रमोशन हो गया है. लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटेजी) के पद पर प्रमोट किया गया है. भारतीय सेना के सभी ऑपरेशनल वर्टिकल्स डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सिक्योरिटी) को रिपोर्ट करेंगे.
इससे पहले डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को पिछले हफ्ते उत्तम युद्ध सेवा पदक (Uttam Yudh Seva Medal,UYSM) से सम्मानित किया गया था. वह पिछले महीने ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित सैन्य ब्रीफिंग में सेना की ओर से एक अहम चेहरा थे.
DGMO की भी जिम्मेदारी बनी रहेगी
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) का कार्यभार भी संभालते रहेंगे. चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इससे पहले आधुनिक दौर के युद्ध में टेक्नोलॉजी के बढ़ते महत्व पर जोर दे चुके हैं.
सीओएएस जनरल द्विवेदी ने कहा था, “ऑपरेशन सिंदूर महज एक सैन्य प्रतिक्रिया नहीं थी; यह भारत की एकता, संकल्प और आत्मविश्वास की अभिव्यक्ति भी थी. सरकार ने हमें पूरी रणनीतिक स्वतंत्रता दी और देशवासियों द्वारा दिखाया गया भरोसा हमारी प्रेरणा का स्रोत बन गया. इन सब की मदद से हमने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों के 9 ठिकानों को नष्ट कर दिया.”
ऑपरेश सिंदूर के समय की थी PC
भारत और पाकिस्तान के बीच छिड़े सैन्य संघर्ष के बाद 10 मई को सीजफायर के बाद लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने 11 मई को अपनी पीसी में बताया था कि भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से ऑपरेशन सिंदूर के जरिए 7 मई को सटीक हमले करने से पहले सीमा पार स्थित 9 आतंकवादी शिविरों, उनके ढांचे और आसपास के इलाकों का बेहद सावधानी के साथ पता लगाया था.
डीजीएमओ घई ने कहा, “मुझे इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि हमने अपने हमले से पूरी तरह से हैरान कर दिया और उन 9 आतंकी ठिकानों पर हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए.” उन्होंने बताया कि 9 आतंकी ठिकानों पर किए गए हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें अब्दुल मलिक रऊफ, यूसुफ अजहर और मुदस्सिर अहमद जैसे खूंखार आतंकवादी भी शामिल थे. ये आतंकी आईसी 814 विमान के अपहरण और पुलवामा धमाके में शामिल थे.