सागर: इसी गति से काम चलता रहा, तो आने वाले दो साल में मध्य प्रदेश के सभी 55 जिलों में पाइप्ड नेचुल गैस का नेटवर्क तैयार हो जाएगा और आपके जेब पर पड़ने वाला रसोई गैस का खर्च कम हो जाएगा. इसके लिए मध्य प्रदेश के सभी जिलों और 25 भौगोलिक क्षेत्रों में पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू हो गया है. इसके लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को नोडल एंजेसी बनाया गया है.
प्रदेश में सबसे पहले नगर निगम क्षेत्र में ये काम किया जा रहा है. इसके बाद नगर पालिका और नगर परिषद का नंबर आएगा. मध्य प्रदेश के 60 लाख रसोई गैस उपभोक्ताओं के लिए ये अच्छी खबर है कि आने वाले दो साल में उनके रसोई गैस के खर्च में ट्रांसपोर्टेशन, स्टोरेज और रीफिलिंग जैसे कई खर्च कम हो जाएंगे. साथ ही उन्हें पाइपलाइन के जरिए घर तक पहुंचने वाली गैस का उतना पैसा ही देना होगा, जितना बतौर उपभोक्ता वे गैस खर्च करेंगे.
अगले दो साल में मध्य प्रदेश में पाइप नेटवर्क तैयार करने का लक्ष्य
मध्य प्रदेश की डाॅ. मोहन यादव सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह की माने, तो दो साल बाद प्रदेश के कोने-कोने तक PNG ( पाइप्ड नेचुरल गैस) का नेटवर्क तैयार कर लिया जाएगा. जिसके बाद रसोई गैस की रीफिलिंग का काम खत्म हो जाएगा और गैस सीधे पाइप के जरिए उपभोक्ताओं के घर पहुंचेगी.
प्रदेश में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क तैयार किए जाने के लिए तेजी से काम चल रहा है. प्रदेश के 55 जिलों और 25 भौगोलिक क्षेत्र में ये काम किया जा रहा है. इस योजना के तहत सबसे पहले राज्य के सभी नगर निगमों में PNG नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। नगर निगम इलाकों के के बाद नगर पालिका और नगर परिषद में पाइपलाइन बिछाने का काम किया जाएगा.
फिलहाल 3 लाख 19 हजार उपभोक्ताओं को पाइपलाइन से गैस आपूर्ति
कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश में 1207 सीएनजी स्टेशन तैयार किए जाएंगे. फिलहाल 378 सीएनजी स्टेशन तैयार हो चुके हैं. 3.19 लाख उपभोक्ताओं को पाइप लाइन के जरिए गैस आपूर्ति की जा रही है. प्रदेश में PNG नेटवर्क बिछाने के काम में आधा दर्जन से अधिक पेट्रोलियम गैस कंपनियां काम में जुटी हुई हैं. जिनमें गेल गैस नेटवर्क, इंडिया आयल कॉर्पोरेशन, थिंक गैस, अवंतिका गैस लिमिटेड, गुजरात गैस लिमिटेड, अडानी गैस लिमिटेड, राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड और मेघा गैस जैसी कंपनियां काम कर रही हैं. इन सभी कंपनियों ने मध्य प्रदेश सरकार को भरोसा दिलाया है कि आगामी 2 साल में 90 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में पाइप लाइन नेटवर्क बिछा दिया जाएगा.
करीब 300 रुपये खर्च होगा कम
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि इस नेटवर्क के तैयार होने के बाद प्रदेश के करीब 60 लाख गैस उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिया जाएगा. उपभोक्ताओं के लिए इस व्यवस्था से 200 से लेकर 300 रुपए तक बचत होगी, क्योकिं रीफिलिंग, स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन जैसे खर्च कम हो जाएंगे.
सागर में हैदराबाद की कंपनी कर रही नेटवर्क तैयार
योजना के तहत सबसे पहले नगर निगम इलाकों में पाइपलाइन नेटवर्क तैयार किया जा रहा है. जिसके तहत सागर में हैदराबाद की गैस कंपनी काम कर रही है, जिसने सिदगुंवा इंडस्ट्रियल एरिया में अपना ऑफिस बेस बनाना शुरू कर दिया है. दूसरे नगर निगम इलाकों में जो कंपनियां काम कर रही हैं, उनकी धीमी गति को लेकर सरकार ने फटकार भी लगाई है.
जनजागरूकता जरूरी
इस मामले में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि कुछ इलाकों में जो कंपनियां धीमी गति से काम कर रही हैं, उनको गति बढाने के लिए निर्देश दिए हैं. ये कदम पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से उठाया जा रहा है. लोगों को इसका महत्व बताने के लिए कंपनियों को प्रचार प्रसार करने की जरूरत है. वहीं उन्होंने बताया कि काम में तेजी लाने के लिए कंपनियों को सिंगल विंडो प्रणाली की सुविधा दी जाएगी.