भारत की सीनियर टीम और भारत 'ए' के बीच शुक्रवार से शुरू होने वाले चार दिवसीय अभ्यास मैच में टीम प्रबंधन इंग्लैंड के विरुद्ध टेस्ट सीरीज से पहले सही संयोजन तलाशने उतरेगा। इस मैच में कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा के प्रदर्शन पर नजरें रहेंगी और अंतिम 11 में जगह बनाने के लिए इन दोनों के बीच दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है। यह मैच 20 जून से हेडिंग्ले में इंग्लैंड के विरुद्ध होने वाले पहले टेस्ट मैच से पहले सीनियर टीम का एकमात्र अभ्यास मैच होगा।
किसी भी सीरीज से पहले इस तरह के मैच टीम की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। मुख्य कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में भारतीय टीम ने यह मैच खाली स्टेडियम में खेलने का विकल्प चुना है ताकि विपक्षी टीम को उनकी रणनीति की भनक नहीं लग सके। यूरोपीय फुटबॉल क्लब लंबे समय से ऐसा करते रहे हैं। भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे में भी ऐसा किया था।
भारत के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने बुधवार को कहा था कि यह मैच भारत की तैयारी की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि सामान्य अभ्यास सत्रों से एक दिन में 90 ओवर गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण करने की क्षमता विकसित करना मुश्किल होता है। इस चार दिवसीय मैच को आधिकारिक तौर पर प्रथम श्रेणी का दर्जा प्राप्त नहीं है। इसमें यदि कोई बल्लेबाज सस्ते में आउट हो जाता है तो उसे दूसरा मौका मिलता है।
इस मैच से भारतीय टीम प्रबंधन को मैच की परिस्थितियों में अपने खिलाड़ियों विशेष कर गेंदबाजों का आकलन करने का अच्छा मौका मिलेगा। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि गेंदबाज चाहे वह स्पिनर हो या तेज गेंदबाज वास्तविक मैच में अपेक्षित लय में हों। हेडिंग्ले के लिए एकमात्र विशेषज्ञ स्पिनर को चुनने के लिए गंभीर को कुछ माथापच्ची करनी होगी। जडेजा का विदेश में बल्लेबाजी रिकॉर्ड अच्छा रहा है लेकिन अगर भारत को 20 विकेट हासिल करने हैं तो फिर कुलदीप की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी।
कुलदीप यहां की परिस्थितियों में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के अच्छे सहयोगी साबित हो सकते हैं। जडेजा बनाम कुलदीप अंतिम एकादश के लिए सबसे बड़ी पहेली है जिसे गंभीर और कोचिंग स्टाफ को सुलझाना होगा। इसी तरह इस मैच से कोचों और कप्तान शुभमन गिल को यह देखने का मौका मिलेगा कि आकाश दीप की फुल लेंथ या प्रसिद्ध कृष्णा की बैक आफ द लेंथ में से कौन सी गेंद इन परिस्थितियों में बेहतर काम करती है। छह महीने बाद लाल गेंद से मैच खेलने वाले बुमराह को कई स्पैल में गेंदबाजी करने और अपनी फिटनेस को परखने का मौका मिलेगा। पीठ के निचले हिस्से में लगी चोट से वापसी के बाद से उन्होंने सिर्फ आईपीएल खेला है।