8th Pay Commission को लेकर कर्मचारियों ने सरकार के सामने 3 बड़ी डिमांड रखी हैं। ये मांगें इतनी जरूरी हैं कि इनके बिना 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों की सैलरी-पेंशन में संशोधन नामुमकिन है। इसी को लेकर कर्मचारी यूनियन ने वित्त मंत्री और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के सचिव से आग्रह किया है कि इन मांगों पर ध्यान देकर इनका तत्काल निष्पादन कराया जाए।
8वें वेतन आयोग में देरी पर चिंता
भारत के पेंशनभोगियों की सबसे पुरानी और प्रमुख संस्था भारत पेंशनर्स समाज (BPS) ने 8वें वेतन आयोग (8th CPC) की प्रगति में हो रही देरी पर चिंता जताई है। संस्था ने वित्त मंत्री और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के सचिव को पत्र लिखकर आयोग के Terms of Reference (ToR) को जल्द अंतिम रूप देने और आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की तत्काल नियुक्ति की मांग की है।
ToR और आयोग अध्यक्ष नहीं हुए तय
BPS के महासचिव एस.सी. माहेश्वरी ने मंत्रालयों को लिखे इस पत्र में कहा है कि जनवरी 2025 में केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी देने की घोषणा स्वागत योग्य थी। लेकिन उसके बाद से ToR तय नहीं हुआ है और न ही आयोग के अध्यक्ष या सदस्यों की घोषणा की गई है। इससे देशभर के करोड़ों पेंशनभोगियों के बीच असमंजस और चिंता की स्थिति पैदा हो गई है।
सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैल रही
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस देरी की वजह से सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर कई तरह की अफवाहें और भ्रामक सूचनाएं फैल रही हैं, जिससे पेंशनरों का मनोबल प्रभावित हो रहा है।
BPS ने अपने लेटर में 3 मुख्य मांगें रखी हैं:
1- आयोग के ToR को शीघ्र अंतिम रूप दिया जाए।
2- आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की तत्काल घोषणा की जाए।
3- पेंशनरों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए।
सरकार ने कार्रवाई की तो अफवाहें रुकेंगी
माहेश्वरी के मुताबिक संस्था का मानना है कि अगर सरकार इस विषय पर जल्द कदम बढ़ाए तो अफवाहों पर रोक लगेगी और पेंशनभोगियों को भरोसा मिलेगा। साथ ही, इससे आयोग का काम भी समय पर और सुचारु रूप से पूरा हो सकेगा।
BPS ने उम्मीद जताई है कि सरकार उनकी इस अपील को गंभीरता से लेते हुए जरूरी कदम शीघ्र उठाएगी ताकि पेंशनभोगियों को राहत मिल सके और भविष्य की योजनाएं तय करने में उन्हें स्पष्टता मिल सके।