हिंदू धर्म में ‘घर वापसी’ के बाद ही मिली मुक्ति: ईसाई परिवार में मृत महिला का अंतिम संस्कार सनातन पद्धति से हुआ

बालोद जिले के ग्राम हीरापुर मे हिंदू धर्म छोड़कर धर्मांतरित ईसाई बनने वाले एक परिवार में एक व्यक्ति की मौत हो गई। उनके अंतिम संस्कार का ग्रामीणों और विहिप ने विरोध किया और हिंदू मुक्तिधाम में जगह देने से मना कर दिया।

विरोध के बीच ग्रामीणों की बैठक हुई व धर्मांतरित इसाई परिवार के लोगों ने बैठक में जाकर अपनी गलती मानी व हिंदू धर्म समाज में रहने की बात कही। लिखित पत्र में कहा कि हम सनातन हिंदू धर्म की परंपरा व रीति रिवाजों, पूजा पद्धति के अनुसार रहेंगे। घर में हिंदू देवी देवता की स्थापना करेंगे, तब गांव वालों की सहमति से अंतिम संस्कार के लिए जगह दी गई।

मृतक परिवार की मोनस बाई साहू पति स्व. जगमोहन साहू, दानेश्वरी साहू, देविका साहू, कविता साहू, दुर्गेश्वरी साहू ने गांव के मंदिर में जाकर पूजा की। इसाई धर्मग्रंथ बाइबिल को नदी में ठंडाकर दिया। हिंदू धर्म के पवित्र गंगाजल को पीकर हिंदू धर्म को अपनाया व पूजा की।

जिले में चलाएंगे घर वापसी अभियान

विहिप जिला अध्यक्ष बलराम गुप्ता ने कहा कि हम लोग लंबे समय से जिले में अवैध धर्मांतरण की साजिश का खुलासा कर रहे हैं। ये आज हीरापुर में मोनस बाई के बयान से स्पष्ट हो गया है कि जिले के अंदर इसाई मिशनरिया भोले भाले हिन्दू परिवारों को बहला कर इसाई बनाने का काम कर रही हैं। हिंदू धर्म समाज को कमजोर करने की बड़ी साजिश चल रहा है।

ऐसे विधर्मी लोग सनातन परिवारों को तोड़कर साजिश कर आर्थिक लाभ ले रहे है। दुख के समय उनको अकेला छोड़ दे रहे है। हिंदू धर्म में ऐसे लोगों को वापस आना चाहिए। विहिप बजरंग दल अपने अभियान के तहत आगे भी जिला में घर वापसी अभियान चलाएगा।

पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया

विहिप ने शहर के अलावा गुंडरदेही, डौंडी, डौंडोलोहारा, गुरुर, अर्जुंदा ब्लॉक के कई गांव में अवैध प्रार्थना सभाओं पर रोक भी लगाई थी। पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था। इस मामले पर ग्राम हीरापुर में सेतराम साहू ग्राम पटेल, परमानंद साहू, सतानंद साहू, लक्ष्मण साहू, प्रभुराम, कुबेर, विहिप के उमेश सेन, बालोद ग्रामीण विहिप अध्यक्ष मुरली साहू आदि उपस्थित थे।

सनौद में भी सामने आ चुका था मामला

बालोद जिला में सनौद के बाद हीरापुर में धर्मांतरित इसाई की मौत पर ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार के लिए जगह देने से मना किया। सनौद में स्थानीय प्रशासन व पुलिस की मौजूदगी में गांव वालों के भारी विरोध के बाद धर्मांतरित मृतक के शव को दूसरे जिले धमतरी में भेजा गया तब मामला शांत हुआ था।