वाणिज्य उद्योग मंत्रालय के कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया ने युवाओं को कॉफी सेक्टर से जोड़ने और उन्हें रोजगार देने के मकसद से कई महत्वपूर्ण ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किए है। इन प्रोग्राम के जरिए युवा कॉफ़ी सेक्टर के बारे में विस्तार से जान रहे है। भारत में लोग चाय के बाद सबसे ज्यादा कॉफी पीना पसंद करते है। कॉफी को लेकर युवाओं में भी अच्छा खासा क्रेज भी देखने को मिल रहा है। इसे सेहत के लिए भी अच्छा बताया जाता है। लेकिन क्या आप जानते है कि यही कॉफी अब युवाओं को रोजगार पाने और इससे कमाई करने का मौका दे रही है। आइए हम आपको बताते हैं… दरअसल, वाणिज्य उद्योग मंत्रालय के कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया ने युवाओं को कॉफी सेक्टर से जोड़ने और उन्हें रोजगार देने के मकसद से कई महत्वपूर्ण ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किए है। इन प्रोग्राम के जरिए युवा कॉफी सेक्टर के बारे में विस्तार से जान रहे है। साथ ही इस सेक्टर में अपना स्टार्टअप खोलने में सरकार से मदद भी ले रहे है।
काफी बोर्ड स्थित अटल इनक्यूबेशन सेंटर के सीईओ प्रवीण.एच.जे ने अमर उजाला से चर्चा में कहा, बेंगलुरु स्थित कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यालय में हमने अटल इन्क्यूबेशन सेंटर, सेंट्रल कॉफी रिसर्च संस्थान और सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट केंद्र स्थापित किए है। इन संस्थानों के जरिए कई आनलाइन और आफलाइन ट्रेनिंग कोर्स संचालित कर रहे है। इसका मकसद लोगों को कॉफी सेक्टर से जोड़ना और उन्हें अपने स्टार्टअप शुरू करने में मदद करना है।
इन कोर्स के बाद खोल सकते है खुद का कैके
कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया चार फ्लैगशिप प्रोग्राम चला रहा है। इसमें विक्रयान प्रोग्राम मुख्यत काफी निर्यातकों के लिए होता है। इस कोर्स के जरिए उन्हें कॉफी के तैयार होने से लेकर एक्सपोर्ट करने तक की जानकारी दी जाती है। इसके अलावा कॉफी निर्यात करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने संबंधी प्रक्रिया भी बताई जाती है। जो लोग इस सेक्टर में नए होते है, उन्हें काफी कैसे एक्सपोर्ट करना है इसके बारे में भी बताया जाता है। यह ऑनलाइन सर्टिफिकेट प्रोग्राम एक माह का होता है। इसकी 7500 रुपए फीस होती है। 18 वर्ष या इससे अधिक के उम्र के लोग इसे कर सकते है। तीसरा प्रोग्राम कैफे कॉन्सेप्टर का है। यह विशेष तौर उन लोगों के लिए तैयार किया गया है जो कॉफी या कैफे से जुड़ा कोई स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं। जो लोग अपना केफै चला रहे वह भी इसे कर सकते है। 4 दिन का यह प्रोग्राम बेंगलुरु में होता है। इसकी प्रति व्यक्ति फीस 7 हजार होती है। इसमें नए और अलग तरीकों से कॉफी तैयार करने से लेकर उसे बेचने की तरीके बताएं जाते है। इसके अलावा कहां से कॉफी लाना और कैफे को किस तरह से प्रमोट करना इसकी जानकारी इस प्रोग्राम में दी जाती है।कैफे स्टार्टअप शुरू करने में सरकार की किस योजना में मदद मिल सकती है इसकी डिटेल जानकारी भी कोर्स में दी जाती है।
चौथा प्रोग्राम आरोहण इन्क्यूबेशन है। इसकी अवधि 18 महीने की होती है। इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है। ऑनलाइन कोर्स की फीस 3 हजार रुपए प्रति माह, प्रति स्टार्टअप रखी गई है। जबकि आफ लाइन कोर्स की फीस 3500 प्रति व्यक्ति माह होती है। यह कोर्स बहुत ही विस्तृत होता है। इसमें बिजनेस मॉडल से लेकर कई तकनीकी प्रशिक्षण सिखाएं जाते है। इसके अलावा काफी सेक्टर में कैसे रोजगार हासिल करे या अपना स्टार्टअप कैसे शुरू करें इसकी पूरी डिटेल जानकारी दी जाती है। इन प्रोग्राम के अलावा भी बोर्ड तीन वेबिनार प्रोग्राम, तीन कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम और कई टेक्निकल वर्कशॉप भी समय समय पर आयोजित करता है। जिसकी जानकारी वह अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को देता है। बोर्ड के वेबिनार प्रोग्राम हर माह होते रहते है। जो आमतौर पर फ्री होते है। कोई भी व्यक्ति इसे सामान्य रजिस्ट्रेशन कर इसमें शामिल हो सकते है। जबकि कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम 1 दिन का होता है। इसमें काफी के प्रमोशन, ब्रॉडिंग समेत कई प्रकार की जानकारी दी जाती है। इसमें अलग अलग कोर्स की अलग अलग फीस होती है। इसके अलावा टेक्निकल वर्कशॉप प्रोग्राम में काफी सेक्टर से जुड़े लोग शामिल होते है। जो कई तकनीक के प्रशिक्षण के बारे में जानकारी देते है। एक दिन के इस कोर्स की फीस 500 रुपए प्रति व्यक्ति रखी गई है।
विदेशों में पसंद आ रही भारतीय कॉफी
भारत की काफ को जापान, कोरिया, यूएई और मध्य पूर्व में खासा पसंद किया जा रहा है। बीते पांच वर्षों में इन देशों में कॉफी की मांग तेजी से बढ़ी है। वित्त वर्ष 2023-24 में 1286 मिलियन डॉलर का निर्यात हुआ था। जबकि वर्ष 2024-25 के दौरान 1803 मिलियन डॉलर हो गया है। सालाना तौर पर यह बढ़ोत्तरी 40.20 प्रतिशत से अधिक है। पिछले पांच वर्षों में काफी से जुड़े उत्पाद का निर्यात 38 प्रतिशत बढ़ा है। भारत अभी 120 देशों को कॉफी का निर्यात कर रहा है। बीते वर्ष कॉफी के निर्यात में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई। चालू वर्ष में अप्रैल और मई में भी निर्यात में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।