पासिंग आउट परेड के बाद पुलिस के बेड़े में शामिल हुए 113 दारोगा

मेरठ : पासिंग आउट परेड के बाद पुलिस के बेड़े में शामिल हुए 113 दारोगा, इनको मिला प्रथम स्थान

वाराणसी के योगेंद्र पांडे बने सर्वांग सर्वोत्तम, इंडोर में सुमित ने प्रथम स्थान प्राप्त किया

एडीजी जोन भानु भास्कर ने परेड की सलामी ली, 20 महिला उपनिरीक्षक शामिल रही

जागरण संवाददाता, मेरठ। कोतवाली धनसिंह गुर्जर पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय में पासिंग आउट परेड के बाद पुलिस के बेड़े में 113 दारोगा शामिल हो गए। 2024 में आयोजित पुलिस भर्ती में चयनित उपनिरीक्षकों की 12 माह से डंडोर और आउट डोर ट्रेनिंग चल रही थी। 

ट्रेनिंग में वाराणसी के बड़ागांव स्थित कोइरीपुर खुर्द के योगेंद्र पांडेय सर्वांग सर्वोत्तम बने हैं, जबकि सुमित पांडेय को इंडोर में प्रथम स्थान मिला है। पासिंग आउट परेड के दौरान सभी अभ्यर्थियों के स्वजन और रिश्तेदार भी मौके पर मौजूद थे। 

परेड के बाद सभी ने अपने परिवार के लोगों संग सेल्फी भी ली। योगेंद्र पांडेय सर्वांग सर्वोत्तम के साथ आउट डोर परीक्षा में भी प्रथम स्थान पर रहे। इंडोर में सुमित पांडेय को प्रथम स्थान मिला। 

करीब 12 माह के कड़े प्रशिक्षण के बाद 113 उप निरीक्षकों सोमवार सुबह पासिंग आउट परेड के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस का हिस्सा बन गए। कोतवाल धनसिंह गुर्जर, पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय के मैदान में पासिंग आउट परेड की सलामी एडीजी जोन भानु भास्कर ने ली। 

एडीजी ने ही सभी उपनिरीक्षकों को कर्तव्य निष्ठा की शपथ दिलाई। उससे पहले ही सभी की जनपदों में तैनाती की सूची जारी कर दी गई। 

बता दें कि उपनिरीक्षक 2024 भर्ती में 114 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। एक अभ्यर्थी युवराज 90 दिनों की छुट्टी के बाद वापस नहीं लौटा। इसलिए 113 अभ्यर्थियों की ही ट्रेनिंग कराई गई। इसमें 87 अभ्यर्थी मृतक आश्रित कोटे से शामिल हुए है। 

ट्रेनिंग में 20 महिला अभ्यर्थी शामिल हुई हैं, जिन्में 17 मृतक आश्रित कोटे में शामिल हैं। पासिंग आउट परेड के दौरान मृतक आश्रित कोर्ट में मिल अभ्यार्थियों की आंखें छलक गई। उन्हें एक बार फिर अपनों के खोने का गम याद आ गया। 

हालांकि, सभी के परिवार के सदस्य परेड में शामिल हुए है। डीआईजी सुरेंद्र कुमार, एएसपी विभा सिंह, दीपिका अग्निहोत्री, सीओ जगदीश कालीरमन और संस्था मेजर वीरपाल सिंह शामिल हुए। 

प्रदेश का पहला बैच, जिसे मिली बीएनएस में ट्रेनिंग

एडीजी भानु भास्कर ने बताया कि प्रदेश में 113 दारोगा का पहला बैंच हैं, जिन्हें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) में ट्रेनिंग दी गई हैं। 

साथ ही इस ट्रेनिंग में साइबर अपराध को प्रमुखता से रखा गया है। सभी को तकनीकी की जानकारी से भी अवगत कराया गया। सभी दारोगा को अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। 

साथ ही प्रत्येक विवेचना में न्यायहित की बात करनी चाहिए। सभी को भ्रष्टाचार से दूर रहने की सलाह भी दी गई है। एडीजी ने कहा कि प्रत्येक दारोगा को ऐसा काम करना चाहिए की। वह अपनी ड्यूटी पर फर्क महसूस करें।