दो साल में दूसरी बार 139 करोड़ से बदली जा रही गोरखपुर-लखनऊ फोरलेन की सूरत

संतकबीर नगर। 252 किमी लंबे गोरखपुर-लखनऊ फोरलेन पर धन खपाने का खेल चल रहा है। दो साल में दूसरी बार ऊबड़-खाबड़ और गड्ढे में तब्दील हुए गोरखपुर से अयोध्या तक 110 किमी फोरलेन की सूरत बदली जा रही। इस बार यह ठीका दिल्ली की एक कंपनी को 139 करोड़ रुपये में दिया गया है। कार्य पूर्ण करने की अवधि एक साल है।

ठीका लेने वाली शर्मा कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर शशांक पांडेय ने बताया कि अयोध्या से सहजनवां (गोरखपुर) तक 110 किमी में मार्ग का ओवर ले किया जाना है। अयोध्या- गोरखपुर लेन में चौकड़ी से मड़वानगर टोल बूथ तक 35.5 किमी में यह कार्य पूरा हो चुका है। अगले दो दिनों में संतकबीर नगर जिले की सीमा में लगने वाले फोरलेन पर यह कार्य पूरा हो जाएगा।

एक तरफ की लेन का कार्य कंपलीट होने के बाद गोरखपुर से अयोध्या लेन पर ओवरले का कार्य शुरू हो जाएगा। 'ओवरले' का मतलब है, मौजूदा सड़क की सतह पर डामर की एक नई परत बिछाना। यह एक मरम्मत प्रक्रिया है जो सड़क की सतह को मजबूत और चिकना बनाने के लिए की जाती है।

पुल की टूटी रेलिंग को लेकर जागे अफसर
फोरलेन पर नदी-नालों पर बने पुल की रेलिंग भी सही की जाएगी। सड़क ठीक करा रही कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर का कहना है कि अनुबंध में केवल सड़क ठीक कराए जाने का कार्य दर्शाया गया है। जहां कहीं पर भी पुल की रेलिंग टूटी है, उसे भी सही कराने को कहा गया है। इसक्रम में राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों के निर्देश पर सड़क के साथ चार जगहों पर पुल की टूटी रेलिंग भी मरम्मत कराई जा रही है।

दो साल पहले मरम्मत पर खर्च हुए थे 79 करोड़
दो साल पहले की बात है, ऊबड़-खाबड़ और गड्ढे में तब्दील हो रहे फोरलेन की दुर्दशा को लेकर हो हल्ला मचा तो राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के तत्कालीन अफसरों की निद्रा टूटी। सुरक्षित और आरामदायक सफर के लिए अयोध्या से गोरखपुर तक सड़क की मरम्मत करने का ठीका एटकान कंपनी को दिया गया था।

आरोप है इस कंपनी ने पैसा बचाने के लिए जहां-तहां सड़क की एक लेयर चेंज करने के लिए मिलिंग यानी मशीन से उखाड़ी गई ऊपरी परत की गिट्टी को मशीन में रीमिक्स कर पेंटिंग करा दिया। नतीजतन एक साल में फिर से फोरलेन की सूरत बिगड़ गई। इस बारे में एटकान के नवनीत पांडेय ने बताया उनकी कंपनी को 79 करोड़ मिले थे,जिससे जहां कहीं पर सड़क टूटी और धंसी थी उसकी लेयर चेंज कर ओवरले करने तथा बाकी जगहों पर गड्ढों का भरने का कार्य दिया गया था।

सड़क सुरक्षा पर खर्च हुए थे 12 करोड़
सड़क मरम्मत ही नहीं फोरलेन पर हादसों में कमी लाने के लिए संवेदनशील स्थलों और लिंक मार्गों के पास साइनेज बोर्ड, एमएस रेलिंग और मेटल बीम क्रास बैरियर लगाने के लिए दो साल एनएचएआइ ने 12 करोड़ में एक कंपनी को ठीका दिया। यह कार्य अयोध्या-गोरखपुर के बीच ही फोरलेन पर कराया जाना था। आरोप है यह भी कार्य सही तरीके से नहीं कराया गया।