नई दिल्ली। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई के आईपीओ (NSE IPO) का इंतजार निवेशकों को ब्रेसबी से है। हालांकि, यह पब्लिक इश्यू कब और किस तारीख को आएगा, इस पर कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। इस बीच एक खबर के चलते जल्द ही एनएसई के आईपीओ के आने की चर्चा हो रही है। दरअसल, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के समक्ष दो आवेदन दायर किए हैं।
इस आवेदन में एनएसई ने काफी समय से लंबित पड़े को-लोकेशन और डार्क फाइबर केस के सेटलमेंट के लिए कुल ₹1,388 करोड़ का भुगतान करने की पेशकश की है, जो किसी भी संस्था द्वारा दिया जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा ऑफर है।
मंजूरी मिली तो क्या होगा?
अगर सेबी की ओर से एनएसई के इन दोनों आवेदनों को मंजूरी मिल जाती है, तो इससे देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज के आईपीओ के आने का रास्ता साफ हो जाएगा।
दरअसल, रेगुलेटरी और कानूनी परेशानियों के कारण बार-बार एनएसई के आईपीओ में देरी हो रही है। फरवरी में तुहिन कांता पांडे के सेबी के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद एनएसई के पब्लिक इश्यू के लिए प्रयास फिर से शुरू कर दिए थे।
सेबी चीफ तुहिन कांत पांडे के कहा है, शेयर बाजार नियामक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) उन मुद्दों और कानूनी मामलों को सेटल करने के बहुत करीब हैं, जो एक्सचेंज के आईपीओ में बाधा डाल रहे हैं।
दिसंबर या उससे पहले आएगा IPO?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस पूरे घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सेबी और एनएसई फाइनल सेटलमेंट अमाउंट पर पहुंच गए हैं। अगर नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NoC) मिल जाता है, तो एनएसई दिसंबर तक या उससे भी पहले आईपीओ पर विचार कर सकता है।"
बता दे कि एनएसई का आईपीओ करीब 8 साल से लंबित है। पब्लिक इश्यू को लेकर एक्सचेंज ने सबसे पहले 2016 में ड्राफ्ट पेपर दाखिल किए थे। हालांकि, बाजार नियामक सेबी ने आईपीओ के लिए अपनी मंजूरी नहीं दी।