प्रेट्र। बॉलीवुड में कई गाने ऐसे बनते हैं, जिन्हें सुनकर सिर्फ कानों को सुकून ही नहीं मिलता है, बल्कि उन्हें सुनने के बाद अंदर एक अलग सा जोश पैदा हो जाता है। फिल्मी फैन हो या आम इंसान म्यूजिक से हर इंसान जुड़ा है। अंतरिक्ष में अपनी यात्रा के लिए निकल चुके लखनऊ के निवासी शुभांशु शुक्ला ने भी लंबी यात्रा से पहले अपनी गानों की पूरी लिस्ट तैयार कर ली थी।
उन्होंने बताया कि शाह रुख खान का एक गाना ऐसा है, जो उन्हें बेहद पसंद है और जिसे वह अंतरिक्ष में जाकर भी सुना करेंगे, कौन सा है वह गाना, चलिए जानते हैं:
शाह रुख खान का ये गाना बढ़ाता है हौसला
अंतरिक्ष के सफर पर रवाना हुए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अभिनेता शाह रुख खान की फिल्म 'स्वदेश' का गीत 'यूं ही चला चल राही, कितनी हसीं है ये दुनिया..' काफी पसंद है और वह इसे अंतरिक्ष में भी सुनेंगे। फाल्कन-9 राकेट के प्रक्षेपित होने से पहले अंतरिक्ष यात्रियों ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में दिन के लिए अपनी विशेष रूप से तैयार की गई गीतों की सूची सार्वजनिक की। शुक्ला की संगीत सूची में निर्देशक आशुतोष गोवारिकर की शाह रुख खान अभिनीत फिल्म का यह गीत शामिल था, जो संयोगवश नासा के एक विज्ञानी के इर्द-गिर्द केंद्रित है।
इस गीत को जावेद अख्तर ने लिखा है जबकि एआर रहमान ने इसका संगीत दिया है। कैलाश खेर, हरिहरन और उदित नारायण जैसे लोकप्रिय गायकों ने इसे अपनी आवाज दी है। प्ले लिस्ट में बाकी अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा तैयार किए गए ट्रैक भी शामिल हैं। कमांडर पैगी व्हिटसन (अमेरिका) ने इमेजिन ड्रैगन्स का ''थंडर'' चुना है। स्लावोज उज्नान्स्की-विस्निएव्स्की (पोलैंड) ने पोलिश ट्रैक ''सुपरमोंसे'' और टिबोर कपू (हंगरी) ने पारंपरिक हंगरी गीत ''ब्वेहली'' को चुना है।
एयर शो देखकर बुना था उड़ने का सपना
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लखनऊ के रहने वाले शुभांशु शुक्ला के सपनों को पंख एक एयर शो ने दिए थे। साल 2006 में वह भारतीय सेना के फाइटर विंग का हिस्सा बने थे। अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की मंगलमय यात्रा के लिए भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी शुभकामनाएं देते हुए लिखा था, "शुभांशु शुक्ला ने भारत के लिए ग्रुप कैप्टन के रूप में एक नया माइलस्टोन क्रिएट किया है।
पूरा देश भारतीय की अंतरिक्ष में इस यात्रा के लिए गौरान्वित होने के साथ-साथ काफी उत्सुक है। यूएस-पोलैंड और हंगरी के साथ भारत ने ये प्रूव कर दिया है कि दुनिया सच में एक परिवार ही है- 'वसुधैव कुटुम्बकम'। इस मिशन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं। ये नासा और इसरो के बीच एक मजबूत पार्टनरशिप को दर्शाता है। क्रू के द्वारा किए गए ये एक्सपेरिमेंट विज्ञान की पढ़ाई करने वाले स्पेस में जाने की चाह रखने वालों के लिए नए रास्ते खोलेंगे।