भ्रष्टाचार की काली कमाई करने वालों का रसूख हर सरकार में बरकरार रहता है। पूर्व सीएम के करीबी केके श्रीवास्तव से जुड़े बिचौलियों को देखकर तो यही लगता है। दरअसल 441 करोड़ की काली कमाई में केके के साथ उसके सहयोगी पूर्व युवा कांग्रेसी के खिलाफ भी तेलीबांधा थाने में अपराध दर्ज है। सालभर से पुलिस उसकी तलाश करती रही। जब वह पकड़ में आया, तो उसे थाने से ही छोड़ दिया गया। जबकि जिन धाराओं में अपराध दर्ज है, वह गैर जमानतीय है।
सूत्रों के मुताबिक, यह सब आरोपी को कोर्ट से अग्रिम जमानत का लाभ दिलाने की तैयारी है। उसी मामले में केके को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, लेकिन उसके सहयोगी को थाने से ही छोड़ दिया गया है। चर्चा तो यह भी है कि केके के बेटे कंचन को भी छोड़ दिया गया है। इससे पुलिस की कार्रवाई को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
क्या है मामला
वर्ष 2024 में तेलीबांधा थाने में अर्जुन रावत की ओर केके श्रीवास्तव, उनके बेटे कंचन व अन्य के खिलाफ स्मार्ट सिटी का काम दिलाने के नाम पर 15 करोड़ की ठगी करने की शिकायत की गई थी। इसके आधार पर पुलिस ने केके और उनके बेटे कंचन के अलावा सहयोगी आशीष शिंदे और गोपाल कश्यप के खिलाफ अपराध क्रमांक 525/24, धारा 420, 467, 468, 471, 120 के तहत अपराध दर्ज किया था। इसके बाद से चारों फरार थे। तेलीबांधा पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच की टीम भी लगातार उनकी तलाश में लगी थी।
441 करोड़ की काली कमाई का खुलासा
15 करोड़ की ठगी की जांच के दौरान पुलिस को बड़े भष्ट्राचार का पता चला। ब्लैकमनी को खपाने के लिए कई बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया था। केके, कंचन और आशीष के बैंक खातों की जानकारी जुटाई गई। इसके बाद सभी खातों का डिजिटल ऑडिट कराया गया, तो 441 करोड़ की काली कमाई का खुलासा हुआ। इसके अलावा करोड़ों रुपए विदेश भेजने का पता चला। पुलिस जांच में मनी लॉन्ड्रिंग और महादेव सट्टा ऐप कनेक्शन भी उजागर हुआ था। इसी के चलते आरोपियों को कोर्ट से जमानत नहीं मिली थी।
महंगी कारें, अफसरों का भी पैसा खपाया
सूत्रों के मुताबिक, पिछले पांच सालों में आशीष की संपत्ति अचानक कई गुना बढ़ी है। वह लैंडरोवर, बीएमडब्ल्यू, पोर्से जैसी महंगी कारों में घूमता हैं। चर्चा है कि कई अधिकारियों की ऊपरी कमाई का पैसा भी जमीनों में लगाया है। इनमें एक पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। आशीष के खिलाफ पंडरी थाने में भी धोखाधड़ी का अपराध कायम है। इसमें वह जमानत पर है।
आज होगी जमानत अर्जी पर सुनवाई
मामले में सबसे चौंकाने वाली बात है कि आरोपी केके की गिरफ्तारी के बाद आशीष ने 27 जून को जिला न्यायलय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगाया। उसी दिन उसका केस रजिस्ट्रर हो गया। अग्रिम जमानत पर 30 जून को सुनवाई होना है। 28 जून को तेलीबांधा पुलिस ने आशीष को पकड़ा और पूछताछ करके छोड़ दिया।
अधिकारी भी बोलने से बच रहे
मामले की जांच के लिए कुछ पुलिस अधिकारियों को लगाया गया है, लेकिन वे इस संबंध में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। सिविल लाइन सीएसपी व प्रशिक्षु आईपीएस अजय कुमार को कई बार कॉल किया गया। दूसरी ओर एसएसपी सहित अन्य अधिकारी भी कुछ बोलने से बच रहे हैं।
थाने से पुलिस ने छोड़ा
मामले में हाल ही में पुलिस ने आरोपी केके को भोपाल से गिरफ्तार किया है। आरोपी आशीष शिंदे को भी पुलिस ने शनिवार को पकड़ लिया था। थाने में उससे पूछताछ की गई। इसके बाद उसे थाने से ही छोड़ दिया गया, जबकि इस मामले में गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज है। इसके बाद भी आशीष को थाने से छोड़ने से कई सवाल उठ रहे हैं।